पटना में स्थित दो सौ साल पुराने कलेक्ट्रेट भवन को गिराने का रास्ता हुआ साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

 पटना में स्थित दो सौ साल पुराने कलेक्ट्रेट भवन को गिराने का रास्ता हुआ साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

राजधानी पटना में स्थित 200 साल पुराने कलेक्ट्रेट भवन को गिराने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को भवन गिराने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने मंजूरी यह कहते हुए दे दी कि हर औपनिवेशिक इमारत को संरक्षित करने की आवश्यकता नहीं है। इस भवन को कभी अंग्रेज अफीम और नमक के भंडारण के लिए गोदाम के रूप में उपयोग करते थे।

आपको बता दें बिहार सरकार इस पुराने कलक्ट्रेट भवन को गिराकर नया बनवाना चाहती है। इसे लेकर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) पटना चैप्टर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें दावा किया गया था कि इमारत शहर की संस्कृति और विरासत का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसे ध्वस्त करने के बजाय संरक्षित किया जाना चाहिए।

बिहार सरकार ने 31 जुलाई 2019 को जीर्ण-शीर्ण ढांचे को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद अदालत ने सितंबर 2020 में बिहार सरकार के आदेश को स्टे कर दिया था। न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि इमारत को बनाए रखने के लिए याचिकाकर्ता के तर्क से प्रभावित नहीं हैं। हमारे पास औपनिवेशिक युग से बड़ी संख्या में इमारतें हैं। कुछ ब्रिटिश युग, डच युग और यहां तक ​​कि फ्रांसीसी युग के भी हैं। कुछ इमारतों का ऐतिहासिक महत्व हो सकता है, जिन्हें संरक्षित किया जा सकता है लेकिन सभी इमारतें को संरक्षित करना जरूरी नहीं है।

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