लोक-कल्याणकारी एवं विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तत्परता बरतने का डीएम ने दिया निदेश
- 44 पंचायतों में योजनाओं का अधिकारियों ने किया निरीक्षण, डीएम ने कहा जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी
- जनहित के मामलों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दें : डीएम
पटना : 25 मई बुधवार को जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने पदाधिकारियों को विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने का निदेश दिया है। वे कल फतुहा प्रखंड के पिताम्बरपुर पंचायत में विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़, संवेदनशील एवं लोकोन्मुखी बनाए रखने के लिए सभी पदाधिकारियों को प्रतिबद्ध एवं तत्पर रहने की आवश्यकता है। उन्होंने जनहित के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है।डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज फतुहा प्रखण्ड के पिताम्बरपुर पंचायत में विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण किया गया। उन्होंने हर घर नल का जल तथा घर तक पक्की गली-नालियाँ योजनाओं एवं मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लिया; आंगनबाड़ी केन्द्रों, जन-वितरण प्रणाली की दुकानों एवं स्वास्थ्य उप केन्द्रों का निरीक्षण किया तथा आम लोगों से फीडबैक प्राप्त किया।
डीएम डॉ. सिंह ने सबसे पहले वार्ड संख्या 13 में हर घर नल का जल योजना का निरीक्षण किया। उन्होंने यहाँ निर्मित जलमीनार का स्थलीय भ्रमण किया एवं लोगों को नल से शुद्ध पेयजल आपूर्ति की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस जलमीनार से लगभग 150 परिवारों को नल के द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जाती है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी घरों में पाईपलाईन के जरिए नल का स्वच्छ पेयजल पहुँचाना सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सभी घरों में पाईपलाईन के जरिए नल का स्वच्छ पेयजल पहुँचाने और लोगों का हैण्डपम्प और पेयजल के अन्य साधनों पर निर्भरता समाप्त करना आवश्यक है। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद डीएम डॉ. सिंह ने पंचायत के सोनारू गॉव में वार्ड संख्या 13 में ही स्थिति आंगनबाड़ी केन्द्र सं0-251 का निरीक्षण किया। उन्होंने भवन, शौचालय, बिजली, बच्चों की उपस्थिति, स्कूल पूर्व शिक्षा, टेकहोम राशन का वितरण, पोशाक, सेविका-सहायिका की उपस्थिति, स्वास्थ्य जाँच एवं पोषण कार्यक्रमों के संचालन की स्थिति का जायजा लिया।
आपको बता दें यह केन्द्र सरकारी भवन में चलता है। निरीक्षण के वक्त केन्द्र पर आंगनबाड़ी सेविका श्रीमती अमृता निधि एवं आंगनबाड़ी सहायिका श्रीमती बीना देवी पोशाक में उपस्थित थीं। केन्द्र पर स्कूल पूर्व शिक्षा के तहत कुल 34 बच्चे उपस्थित थे, सभी बच्चे पोशाक में उपस्थित पाये गये। सेविका चार्ट के माध्यम से बच्चों को बाल गीत सिखा रही थी। केन्द्र पर बजन एवं लंबाई मापने की मशीन उपलब्ध पायी गई। डीएम डॉ. सिंह ने बच्चों से पड़ाई-लिखाई एवं उपलब्ध सुविधाओं के बाऱे में पूछा। बच्चों द्वारा हिन्दी एवं अंग्रेजी में कविता सुनाया गया। बच्चों द्वारा बताया गया कि सुबह के नास्ता में चना-गुड़ का वितरण किया गया है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती जया मिश्रा द्वारा जिला पदाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि प्रधान मंत्री मातृत्व अभियान के अंतर्गत 25 लाभार्थियों तथा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत 5 उम्मीदवारों को लाभ प्रदान किया गया है। पोषाहार में नये मेन्यु के अनुसार चावल एवं सोयाबीन-आलू की सब्जी संधारित है।
डीएम डॉ. सिंह ने बच्चों के हाजिर-जवाबी एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के सफलतापूर्वक संचालन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि समेकित बाल विकास कार्यक्रम के 05 (पाँच) उद्देश्यों के प्रति सभी पदाधिकारियों को संवेदनशील एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। छः वर्ष तक की आयु के बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार लाना; बच्चों के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विकास की नींव रखना; बाल मृत्यु दर एवं बच्चों के कुपोषण में कमी लाना; स्कूल छोड़ने के दर में कमी लाना तथा गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य के प्रति सभी पदाधिकारियों को तत्परता प्रदर्शित करनी चाहिए।डीएम डॉ. सिंह ने मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी को वार्ड संख्या 13 के आंगनबाड़ी केन्द्र के नजदीक स्थित तालाब का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण करने का निदेश दिया।