क्या भारत में होना चाहिए हर फॉर्मेट में अलग कप्तान, जानें टॉम मूडी का जवाब
इस समय टीम इंडिया में विराट कोहली ही क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में टीम के कप्तान हैं। तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करने के बावजूद उनकी बल्लेबाजी में कोई प्रेशर नहीं आया है और वो इस समय इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 50 से ज्यादा की औसत रखने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं। हालांकि 32 साल के होने पर कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि उन्हें तीनों में से किसी एक फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ देनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान टॉम मूडी ने भारतीय टीम में स्प्लिट कैप्टैंसी पर अपनी राय दी है।
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क्रिकबज पर हर्षा भोगले से बात करते हुए टॉम मूडी ने कहा कि भारत में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करने का एक अलग दवाब होता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट कोहली के करियर पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर परेशान है तो हर फॉर्मेट या अलग कप्तानी या स्प्लिट कैप्टैंसी पर विचार कर सकता है। टॉम मूडी ने यह भी कहा कि अगर विराट कोहली क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करना जारी रखते हैं तो इस बात का आशंका है कि वो अपने इंटरनेशनल करियर के दो से तीन साल खो सकते हैं।
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विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। उन्होंने टेस्ट में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से 2014 में टेस्ट कप्तान की जिम्मेदारी ली थी और 2017 में उन्हें लिमिटेड ओवर क्रिकेट यानी वनडे क्रिकेट और टी-20 क्रिकेट फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया था। टॉम मूडी ने आगे कहा कि स्प्लिट कैप्टैंसी से फर्क पड़ता है। इसके लिए उन्होंने इंग्लैंड टीम का उदाहरण लिया। उन्होंने कहा कि इयोन मोर्गन टेस्ट खिलाड़ी नहीं है लेकिन वो पहले खेलते थे। लेकिन अब उन्हें बतौर एक टेस्ट खिलाड़ी के रूप में नहीं जाता है, उन्हें व्हाइट बॉल क्रिकेट का स्पेशलिस्ट माना जाता है।
तो यह उनके लिए काफी आसानी से काम करता है।