वैशाली के कवि,साहित्यकार, समीक्षक रवींद्र कुमार रतन एवं अन्य बड़े साहित्यकार ‘स्मृति शेष शम्भु अगेही’ शिखर सम्मान से सम्मानित

 वैशाली के कवि,साहित्यकार, समीक्षक रवींद्र कुमार रतन एवं अन्य बड़े साहित्यकार ‘स्मृति शेष शम्भु अगेही’ शिखर सम्मान से सम्मानित

दरभंगा : शम्भु अगेही स्मृति दिवस कहें या उनकी पुण्य तिथि पर आयोजित समारोह में पुस्तक लोकार्पण, सम्मान समारोह, विचार गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया , जिसमें चंपारण ,मुजफ्फरपुर, सीतामढी, वैशाली ,समस्तीपुर और दरभंगा के स्थानीय साहित्यकारों का जुटान हुआ। समारोह की अध्यक्षता अखिलेश कुमार चौधरी ने किया । इसके पूर्व मुख्य अतिथि डा. ब्रम्ह्देव कार्यी, डा. शारदा चरण आदि साहित्यकारो ने स्मृति शेष शम्भु अगेही जी के चित्र पर माल्यार्पण किए और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन हुआ।

पी जी हिन्दी विभाग के पुर्व अध्यक्ष प्रो0 चन्द्रभानू प्रसाद सिंह, संजय पंकज, रवींद्र कुमार रतन, दुखित महतो उषा किरण उदय नारायण सिंह,डा.दयानंद झा, हीरा लाल साहनी, मो.सर्वर पंडोलवी को साहित्यकार शम्भु अगेही शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया।जिसमे वैशाली केसाहित्यकार कवि’, समीक्षक रवींद्र कुमार रतन जी के भी अन्य जगहों के साहित्यकारों के साथ अंग वस्त्र, मेमेन्टो , प्रशस्थी पत्र ‘समाहार ‘ स्वतंत्रता सेनानी विशेषांक एवं अन्य कई पुस्तक से सम्मानित किया गया।विदित हो कि इस विशेषांक में इनके स्वतंत्रता सेनानी पितश्री स्व.विश्वनाथ प्रसाद श्रीवास्तव की जीवनी एवं पूर्व मंत्री स्व. मुनिश्वर प्रसाद सिंह के प्रति भी श्रद्धासुमन निवेदित किया गया है ।

सभी साहित्यकारों ने उन्हे’अगेही’जी को आधुनिक बोध के पारम्परिक शैली में लिखने वाला रचनाकार बताया । वैशाली से आए साहित्यकार रवींद्र कुमार रतन ने अपने सम्मान में कहा कि स्मृति शेष शम्भु अगेही जी का स्नेह प्यार और आशीर्वाद आजीवन मिलता रहा।आज का सम्मान मेरा नहीं बल्कि बज्जिका,हिन्दी की अनवरत सेवा कर रहे साहित्यकारों कवियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।श्री रतन ने आगे कहा कि ‘ जिन्दा कौम ही अपने पूर्वजो को याद करता है इस परम्परा में अमिताभ जी ने आगे बढ़ कर आयोजन और सम्मान का काम किया है इसके लिए उन्हे साधुवाद।

अन्तिम सत्र कवि सम्मेलन का हुआ जिसकी अध्यक्षता श्री दुखित जी ने किया मंच पर रविन्द्र्कुमर रतन,ज्वाला सांधपुष्प जी आदि के अलावे 30 कवियों ने भाग लिया जिसमे डा.सतीश चंद्र भगत, इन्दिरा भारती, हरि नारायण गुप्त , डा.पूर्णिमा कुमारी श्रीवास्तव,संजय पंकज आदि प्रमुख थे। अन्त में सारे कार्य कर्मो के व्यबस्थपक एवं स्मृति शेष के सुपुत्र श्री अमिताभ कुमार सिन्हा ने सबों के प्रति आभार एवं धन्यवाद दिया।

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