RSS प्रमुख मोहन भागवत को लेकर एक बयान चर्चा में,इलियासी ने कहा था पहले CAA-NRC को समझो फिर विरोध करो
कल शुक्रवार को मस्जिद में जाकर जिस चीफ इमाम मौलाना उमर इलियासी से मिल कर मोहन भागवत आए हैं उनका कच्चा चिठ्ठा भी पढ़ लीजिए। सुहैब इलियासी का नाम आपने सुना होगा टीवी क्राइम शो “इंडियाज मोस्ट वांटेड” के यह होस्ट थे और समाचार पत्रिका “ब्यूरोक्रेसी टुडे” के संपादक थे। सन् 2000 में इन्हें अपनी पत्नी “अंजू सिंह” की हत्या और दहेज मांगने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 बी के तहत गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि 10-11 जनवरी, 2000 की रात में अंजू सिंह पर तेज धार वाले हथियार से हमला किया जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
20 दिसंबर, 2017 को, उन्हें हत्या के लिए दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई । 5 अक्टूबर 2018 को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें यह कहते हुए बरी कर दिया कि सजा को बनाए रखने के लिए उनके खिलाफ रिकॉर्ड पर कोई सबूत नहीं था। 8 फरवरी 2019 को दिल्ली पुलिस , इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंच गयी और उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई अपील को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है।
कोर्ट ने कहा कि पीठ पहले ही अंजू सिंह की मां रूक्मा सिंह की अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर चुकी है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि मामले में दिल्ली पुलिस की अपील को अनुमति प्रदान की जाती है, साथ ही 28 जनवरी को अपील पर सुनवाई के लिए मामले को संलग्न किया जाता है। सारी कृपा यहां रुकी हुई है , मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहने वाले इमाम उमर इलियासी के बड़े भाई यही “शुएब इलियासी” हैं। इन दोनों के पिता मौलाना जमील इलियासी थे जो अनजान से अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख थे और यह तत्कालीन आरएसएस प्रमुख संघचालक केएस सुदर्शन के साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत संबंधों के लिए जाने जाते थे। और अपनी पत्नी अंजू सिंह की हत्या के आरोपी सुहैब इलियासी को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और वर्तमान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बेहद करीबी कहा जाता है।