दीदीजी फाउंडेशन ने नारी गुंजन विद्यालय में मनाया दीपावली का त्योहार
दानापुर। सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने रौशनी का पर्व दीवाली नारी गुंजन स्कूल के बच्चियों के साथ धूमधाम के साथ मनाया। दीदीजी फाउंडेशन ने दानापुर स्थित नारी गुंजन विद्यालय के बच्चियों के साथ दीवाली का पर्व धूमधाम के साथ मनाया। इस अवसर पर बच्चों को दीये, बिस्किट, चॉकलेट,नमकीन, सैनिटरी पैड,मिठाई दिये गये, जिसे पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे।
इस अवसर पर नारी गुंजन के बच्चों के बीच रंगोली, पेटिंग, दीया मेकिंग,मेहंदी कंपटीशन भी कराया गया। बच्चियों ने हर्षोल्लास के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद ने बताया कि दीपावली का मतलब सिर्फ अपने घर को रोशन करना नहीं बल्कि उन घरों तक भी रोशनी पहुंचाना है जो समाज में कहीं- न-कहीं पीछे छूट गये हैं। उन्होंने कहा कि हम गरीब और जरूरतमंद बच्चों के बीच जाकर उन्हें मिठाई बांटकर उनके मायूस चेहेरों पर मुस्कान लाने का काम करें तब सामाजिक समरसता का अच्छा संदेश जाएगा।
दीपावली के प्रकाश से हमारा घर-आँगन और तन-मन दोनों ही आलोकित हो उठते हैं। हमारे दिल से घृणा या मनमुटाव दूर जाते हैं। हमारे ह्रदय स्नेह और सदभाव से भर जाते हैं। इससे सामाजिक जीवन को नई चेतना मिलती है और लोगों को नूतन वर्ष के कर्तव्यों को पूरा करने का बल मिलता है। इस त्यौहार को अधर्म पर धर्म की विजय और अंधकार पर रोशनी की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता हैं।उन्होंने सभी लोगों को आपसी भाईचारा के साथ दीपावली का पर्व मनाने की अपील की।
इस अवसर पर नारी गुंजन की सचिव सुधा वर्गीज ने कहा कि दीवाली खुशियां बांटने का त्योहार है।दीपावली संपन्नता का त्योहार है, लेकिन यह त्योहार तभी सार्थक होगा जब जरूरतमंद लोगों को मदद देकर उन्हें खुशी में भागीदार बनाया जा सके। जरूरतमंद लोगों के बीच त्योहार की खुशियां बांटकर सामाजिक सौहार्द को मजबूत किया जा सकता है।उन्होंने बच्चों को दीवाली के महत्व और उद्देश्य के बारे में बताया, साथ ही जीवन से अंधकार को दूर करने के टिप्स भी दिये।
इस अवसर पर डॉ नम्रता आनंद ने नारी गुंजन की सचिव सुधा वर्गीज और समाजसेवी राहुल देव को मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। मौके पर प्रेम कुमार, सोनिया सिंह, रंजीत प्रसाद सिन्हा, चंदू प्रिंस, नेहा, गौतम दत्ता भी उपस्थित थे।