Bihar Politics: पटना में बुलाई गई JDU कार्यकर्ताओं की बैठक, पार्टी को इसी का इंतजार
बिहार की राजनीति में अभी उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते दिखा रहे है I लेकिन उन पर 20 फरवरी से पहले कोई एक्शन नहीं होने वाला है। कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी को कार्यकर्ताओं को चिंतन शिविर के लिए बुलाया है, लेकिन यह चिंतन शिविर JDU के आधिकारिक घोषणा के मुताबिक नहीं होगी। जदयू आलाकमान इसी का इंतजार कर रहा है। पार्टी उस मौके की तलाश में है, जहां उपेंद्र कुशवाहा पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम करते नजर आ जाएं I
आपको बता दें उपेंद्र कुशवाहा राज्यपाल कोटा से बिहार विधान परिषद में सदस्य मनोनीत हुए हैं। जो नेता, समाजसेवी, पत्रकार, लेखक, चिकित्सक, इस कोटे से विधान परिषद का सदस्य होता है। उसे किसी एक पार्टी की सदस्यता लेनी होती है। उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू की सदस्यता ली।
नियम के मुताबिक राज्यपाल की ओर से मनोनीत MLC ने जिस दल की सदस्यता ली है, उस दल के सभी प्रोटोकॉल और ह्विप को मानना होता है। नहीं तो वह दल उनकी सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव बिहार विधान परिषद में दे देगा। इसी बात का इंतजार जदयू आलाकमान को है। उपेंद्र कुशवाहा 19 और 20 फरवरी को पार्टी के खिलाफ बैठक कर लें और पूरे एविडेंस के साथ जदयू उनकी सदस्यता समाप्त करने की फरियाद बिहार विधान परिषद के सभापति के सामने कर देगा।