अगरबत्ती का गोरखधंधा : चीन से चेन्नई वाया वियतनाम, भारत सरकार हुई सख्त
देश में जैसे-जैसे अगरबत्ती की खपत बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे इसमें गोरखधंधा करने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। भारत में अगरबत्ती के कारोबार में जो गोरखधंधा फल-फूल रहा है, उसके तार चीन से वियतनाम तक और वियतनाम से चेन्नई समेत देश के दूसरे हिस्सों में फैले हुए हैं। सरकार भी इस सच्चाई से वाकिफ है, इसलिए वह अगरबत्ती में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के आयात पर प्रतिबंध लगा रही है, लेकिन कारोबारी भी उसका कोई न कोई काट खोज ही ले रहे हैं।
पिछले दिनों कस्टम अधिकारियों ने चेन्नई पोर्ट पर गैर-कानूनी तरीके से आयात किये गये अगरबत्ती व इसमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के छह कंटेनर को पकड़ा। यही नहीं कस्टम अधिकारियों ने जब छान-बीन की, तो पता चला कि भारत के बेहद फायदेमंद अगरबत्ती कारोबार का फायदा उठाने में चीन व विएतनाम के कारोबारियों के बीच होड़ मची है। भारत और वियतनाम के बीच किये गये मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) और वियतनाम व चीन के बीच किये गये एफटीए का फायदा उठाया जा रहा है।
सीमा शुल्क अधिकारी ने दो कंटेनर में 161.94 टन अगरबत्ती और 68.38 टन अगरबत्ती पाउडर जब्त किया गया है। कंटेनर आयात करने वाले भरत शाह और रोनिक शाह ने सरकार को बताया था कि वे वियतनाम से जोस पावडर व दूसरे सुगंधित मिक्स आयात कर रहे हैं। जोस पाउडर पर आमतौर पर 15 फीसद का सीमा शुल्क लगाया जाता है, लेकिन एफटीए होने की वजह से वियतनाम से आयात होने पर कोई भी सीमा शुल्क नहीं लगाया जाता। दूसरी तरफ से सरकार ने अगस्त, 2019 में अगरबत्ती के आयात को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। यानी इनका आयात बगैर लाइसेंस के नहीं किया जा सकता। इन्होंने दो कंटेनर का और आर्डर दे रखा है, जिसका इंतजार अधिकारी कर रहे हैं।
दरअसल, भारत में अगरबत्ती का बाजार 3000 करोड़ रुपये का है। एक तरफ भारत अगरबत्ती व इनमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का एक बड़ा आयातक है, दूसरी तरफ इसका बड़ा निर्यातक भी है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने तकरीबन 1000 करोड़ रुपये का निर्यात भी किया था। पिछले वर्ष तक ज्यादातर आयात चीन से किया जा रहा था। भारत ने चीन आयात को हतोत्साहित करने के लिए इन्हें प्रतिबंधित सूची में डाल दिया। अब चीनी कंपनियों ने वियतनाम के जरिए इसे भारत में भेजने की योजना बनाई है। वियतनाम व भारत के एफटीए का कुछ दूसरे मामले में भी गलत फायदा उठाने की सूचनाएं सामने आ रही हैं।