बिहार में दूसरे फेज की जाति आधारित गणना से फिर से बाधित होगी बच्चों की पढाई
बिहार में दूसरे फेज की जाति आधारित गणना की ट्रेनिंग चल रही है। 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक गणना की जाएगी। इसमें फिर से शिक्षकों की ड्यूटी लगनी है। पहले फेज में मकान गिने गए थे, लेकिन दूसरे फेज में विस्तार से जानकारी हासिल की जाएगी। 17 सवालों के जवाब लोगों से लिए जाएंगे, जिसमें परिवार के हर सदस्य के बारे में जानकारी ली जाएगी कि उनके पास वाहन हैं कि नहीं ऐसे कई सवाल पूछे जायेंगे I
आपको बता दें जाति तो खास तौर से पूछी जाएगी। जाति के लिए अन्य का कॉलम भी बनाया गया है। यानी दूसरे फेज में एक घर में पूछताछ में कम से कम आधे घंटे का समय लगने की संभावना है। हालांकि अब इस व्यवस्था पर कई सवाल भी उठ रहे हैं I कुछ दिनों पहले स्कूलों को मॉर्निंग कर दिया गया है। कई शिक्षक सुबह चार-पांच बजे स्कूल के लिए निकलते हैं। अभी स्कूल साढ़े छह बजे से साढ़े 11 बजे तक चल रहा है। साढ़े 11 के बाद बच्चों को मिड डे मिल खिलाया जाता है। यानी 12-1 बजे स्कूलों में छुट्टी हो पा रही है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि तपिश भरी गर्मी के बीच शिक्षक कैसे जाति आधारित गणना कर पाएंगे? गर्मी के वक्त दोपहर के समय कितने लोग घर पर जानकारी देने के लिए मिलेंगे यह भी सवाल है? अभी तक शिक्षा विभाग और नगर विकास विभाग के बीच कॉर्डिनेशन नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग को इंतजार है कि ट्रेनिंग के बाद किस तरह का निर्देश जारी किया जाता है! बड़ी बात यह कि अब जो शिक्षक हैं, वे या तो पंचायती राज के अंतर्गत हैं या नगर विकास विभाग के अंतर्गत। शिक्षा विभाग का काम इन्हें वेतन देना होता है।