अयोध्या राम मंदिर निर्माण: महज 32 सेकंड का है शुभ मुहूर्त, जानें PM नरेंद्र मोदी कब रखेंगे पहली ईंट
भव्य राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) के लिए भूमि पूजन के मुख्य कार्यक्राम की शुरुआत 5 अगस्त को होगी. हालांकि, भूमि पूजन के लिए धार्मिक अनुष्ठान सोमवार से ही शुरू हो गया है. गौर-गणेश पूजन के साथ इसकी शुरुआत हुई. मंगलवार को रामार्चा पूजा होगी, लेकिन मुख्य पूजन 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) निर्धारित शुभ मुहूर्त में करेंगे. यह मुहूर्त 32 सेकंड का है जो दोपहर 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकंड के बीच है. इसी मुहूर्त के बीच प्रधानमंत्री चांदी की ईंट से राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे.
कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भूमि पूजन के शुभ मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि का कार्यक्रम शुभ मुहूर्त में नहीं हो रहा है. यही वजह है कि गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव हो गए. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी संक्रमित हैं. कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण का निधन हो गया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भी संक्रमित हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील भी की कि वे प्रधानमंत्री को ऐसा करने से रोकें.
CM योगी ने किया पलटवार
उधर दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस को अपने पस्त में देखना चाहिए. वे नहीं चाहते कि उस जगह राम मंदिर का शिलान्यास हो जहां राम पैदा हुए. वे इस विवाद की सम्पति ही नहीं चाहते हैं. कांग्रेस हमेशा से ही जाति, धर्म व मत के आधार पर लोगों को विभाजित करना चाहती है.
रामलला के पोशाक को लेकर भी विवाद
राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट (Ram Janma Bhoomi Teerth Trust) के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने कहा है कि कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर इतना परेशान हैं कि वे उन्हें अपने सपनों में भी देखते हैं और उस पर नींद खो देते हैं. इसी तरह के लोग, भगवान राम के हरे कपड़ों को पीएम मोदी से जोड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान राम की पोशाक के निर्धारण का काम प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय या ट्रस्ट का नहीं है. पुजारी दिन के अनुसार भगवान राम के कपड़े का रंग तय करते हैं. यह एक निश्चित प्रक्रिया है. किसी के दबाव में आकर वह वह किसी प्रकार का बदलाव नहीं करता है.