सुशील मोदी ने आमंत्रण पत्र में लिखे ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ को लेकर कहा- यह देश सदियों से भारत है, ‘इंडिया’ अंग्रेजों..
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के लिए अंग्रेजी में लिखे आमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखे जाने के विरोध पर मंगलवार को कहा कि यह भी सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के विरोध की गहरी राजनीति का हिस्सा है I यह देश सदियों से भारत है, जबकि ‘इंडिया’ अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है I विपक्ष मोदी-विरोध के बहाने सनातन धर्म को मिटाने के एजेंडे पर काम कर रहा है I बिहार में हिंदू त्योहारों की छुट्टी में कटौती इसी का हिस्सा थी I
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री का विरोध करने की हद पार करते हुए अब भारत, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का भी विरोध करने पर उतर गए हैं I चूंकि संविधान मूलत: अंग्रेजी में लिखा गया, इसलिए उसमें ‘भारत’ और ‘इंडिया’, दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ I दोनों शब्द संवैधानिक है I दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं है और नाम का अनुवाद नहीं होता, लेकिन अगर हम 75 साल अपने देश भारत को अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखते आ रहे हैं, तो इसे ही सही नहीं कहा जा सकता I हम ‘भारत माता की जय’ बोलते हैं I विपक्ष अगर ‘इंडिया माता की जय’ बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है I
आपको बता दें बीजेपी नेता ने कहा कि चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा और हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी इस भूमि का नाम ‘भारत’ हैं, लेकिन जो लोग इसके सनातन धर्म और सभ्यता-संस्कृति को मिटाने की सुपारी लिए हुए पटना से मुंबई तक व्याकुल घूम रहे हैं, उन्हें राष्ट्रपति भवन के आमंत्रण पत्र में ‘भारत’ लिखने पर भी मिर्ची लग रही है I बीजेपी के प्रबल विरोध के कारण नीतीश सरकार ने भले ही हिंदू पर्व-त्योहारों पर स्कूली छुट्टियों में कटौती वापस ले ली, लेकिन शिवानंद तिवारी तो अब भी कटौती की वकालत कर रहे हैं I