प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने के लिए पाचन तंत्र क्यों है महत्वपूर्ण
पाचन प्रणाली (Digestive System) अनेक सूक्ष्म जीवाणुओं का घर है, जो हमारी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य को विनियमित करने, मेटाबॉलिज्म को चलाने और विटामिन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए शरीर, खासकर पेट के स्वास्थ्य के लिए इसका ठीक रहना बहुत ही जरूरी है। वैसे गर्मियों में पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। मौसम जैसे-जैसे गर्म होता जाता है, वैसे ही हमारी खानपान की आदत भी बदलने लगती है। मौसम के अधिक गर्म होने से केवल हमें पसीना आने की समस्या ही नहीं होती बल्कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो जाती है। ऐसे में शरीर पर वायरस और बैक्टीरिया आक्रमण करने लगते हैं। इसके पीछे का एक कारण ये भी है कि अन्य किसी मौसम के मुकाबले गर्मी में खाना जल्दी खराब हो जाता है और यही हमारी बीमारी की वजह बनता है। यही कारण है कि गर्मी बढ़ने से पेट से जुड़े संक्रमण के मामले काफी बढ़ जाते हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) से जुड़ा संक्रमण
पाचन से जुड़ी परेशानियों के कुछ लक्षणों में से एक है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी जठरांत्र से जुड़ा संक्रमण। इसके लक्षणों में पेट में सूजन आ जाना, पेट का भारीपन होना, डकार आना, जलन होना, जी मिचलाना, सर्दी होना और खांसी के साथ अन्य समस्याएं होना शामिल है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इम्युन सेल्स छोटी आंत को कई तरह के इन्फेक्शन से बचाने का काम करते हैं। लेकिन अगर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ही संक्रमण का शिकार हो जाए, तो ये कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली क्यों जरूरी
ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना काफी जरूरी होता है। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली ना केवल सर्दी जुकाम बल्कि कई अन्य तरह की बीमारियों से भी हमारा बचाव करती है। इससे हमारी पाचन क्रिया भी मजबूत होती है, जो आंत को वायरस, अपच और बैक्टीरिया से बचाती है। इसलिए जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, वह बीमारी की चपेट में कम आते हैं। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए हमें अनार, पनीर, संतरा, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनानास, शहतूत, आदि फल खाने चाहिए।
झंडू पंचारिष्ट से मिलेगा लाभ
इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक टोनिक भी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करते हैं। जैसे झंडू पंचारिष्ट। यह ना केवल पाचन प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है बल्कि गैस, अपच, पेट का फूलना, कब्ज आदि समस्याओं को भी दूर करती है। इससे पाचन तंत्र ठीक से कार्य करता है और भूख भी बेहतर लगती है। इसमें ऐसे गुणकारी पदार्थ शामिल हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर बीमारियों से बचाते हैं। इसमें दश्मूल जैसा पदार्थ शामिल होने के कारण शरीर में तनाव का स्तर भी कम होता है। पाचन तंत्र से साथ ही ये सिरप संधिशोथ, स्व-प्रतिरक्षा तंत्रीय व्याधियों जैसे मुंहासे, थकान, मानसिक विकास में परेशानी, मानसिक क्षीणता के साथ साथ कैंसर के अंतर्निहित कारणों का भी समाधान करता है।
अच्छी सेहत के लिए मजबूत पाचन तंत्र जरूरी
हमारे शरीर में पाचन तंत्र एक नदी की तरह काम करता है, हर दिन हम कई तरह के पदार्थों (पेय पदार्थ, खाना, दवा) का सेवन करते हैं, इस उम्मीद के साथ कि हमारा शरीर बीमारियों से बचा रहेगा। जो भी पदार्थों का हम सेवन करते हैं, उनमें से कई पर्यावरण के अनुकूल नहीं होते लेकिन फिर भी हमारा शरीर बहुत अच्छा काम करता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि एक स्वस्थ पाचन तंत्र हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए काफी जरूरी होता है। इससे हमारा मेटाबोलिज्म अच्छा होता है, विटामिन मिलता है। इसके साथ हमारी आंत के सही से काम करने से भी शरीर के हर सेल तक पोषक तत्व पहुंचते हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि हमारी 70 फीसदी प्रतिरक्षा प्रणाली पाचन तंत्र में ही होती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं-
अपच
गैस
जलन होना
पेट दर्द होना
पेट का फूल जाना
कब्ज होना
दस्त लग जाना
ऐसे में अगर आप भी बीमारियों से बचे रहना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली पर ध्यान देना होगा। ऐसा खाना खाएं जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो। एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके पाचन तंत्र के लिए वरदान साबित होती है। इससे आप खुद को कई तरह की बीमारियों से बचाए रख सकते हैं।