महामारी के बीच भी विदेशी कंपनियों ने जमकर लगाया भारत में पैसा, 22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया
नीति आयोग CEO अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 आउटब्रेक की वजह से अर्थव्यवस्था में सुस्ती (Slowdown in India) के बाद भी भारत विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने में सफल रहा है. मौजूदा महामारी के बीच भारत में रिकॉर्ड 22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है. अमिताभ कांत ने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के India@75 पर एक वर्चुअल इवेंट पर यह बात कही. इस दौरान उन्होंने भारत के FDI सिस्टम को भी सराहा और कहा कि यह पूरी दुनिया में सबसे उदार एफडीआई व्यवस्था में से एक है.
कांत ने कहा, ‘हमारी FDI व्यवस्था दुनियाभर में सबसे ज्यादा उदार है. हमने लगातार बड़े स्तर पर विदेशी निवेश को आकर्षित किया है. महामारी के दौरान भी भारत में 22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है. इसमें करीब 98 फीसदी ऑटोमेटिक रूट से आया है.’
अगले दो साल में कारोबार सुगमता रैंकिंग में टॉप 3 का लक्ष्य
इवेंट में बात करते हुए कांत ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में इसे लेकर कितना खुलापन है, कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business) है. उन्होंने कहा, ‘विश्व कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत करीब 79 पायदान की छलांग लगाया है. हमारी उम्मीद है कि इस साल हम टॉप 50 में जगह बनाने में कामयाब रहेंगे और अगले साल हम टॉप 3 में होंगे.’
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जियो प्लेटफॉर्म्स से आया बड़ा विदेशी निवेश
बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की डिजिटल ईकाई जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio Platforms) ने अप्रैल के बाद से करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाई है. जियो प्लेटफॉर्म्स ने कई वैश्विक कंपनियों को 32.94 फीसदी हिस्सेदारी बेची है. सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने 9.99 फीसदी स्टेक के लिए 43,574 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है. इसके अलावा सर्च इंजन कंपनी गूगल ने भी 7.7 फीसदी स्टेक के लिए 33,737 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया है.
टॉप 10 एफडीआई प्राप्त करने वाले देशों में भारत
यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) के अनुसार, दक्षिण एशिया में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे लचीली अर्थव्यवस्था के रूप में उभर सकता है और 2020 में विदेश निवेश आकर्षित करने में सफल होगा. हालांकि, इस दौरान वैश्विक एफडीआई में गिरावट दर्ज की जाएगी. 2019 में एफडीआई प्राप्त करने वाली टॉप कंपनियों में भारत 9वें पायदान पर था. 2018 में भारत की रैंकिंग 12वीं थी.
जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और वैश्विक कंपनियों को आश्वस्त किया कि भारत सरकार बड़े स्तर पर ढांचागत रिफॉर्म्स के लिए सक्षम है.
चीनी कंपनियों के निवेश से परहेज
एक तरफ भारत में लगातार विदेशी निवेश बढ़ रहा है लेकिन इस बीच चीन से आने वाला विदेशी निवेश फिलहाल एक स्कैनर में है. अप्रैल में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नये नियमों के तहत, जो देश भारत से बॉर्डर साझा करते हैं, उन देशों की कंपनियों को भारत में निवेश करने से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होगी. करीब 200 ऐसी चीनी कंपनियां हैं, जो अभी भी गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लियरेंस प्राप्त करने का इंतजार कर रही हैं.