स्वामी विवेकानन्द के जयंती पर्यवेक्षण गृह मे भास्कर प्रियदर्शी के अध्यक्षता मे मनाई गई
स्वामी विवेकानन्द के जयंती पर्यवेक्षण गृह मे जिला बाल सरंक्षण इकाई के उप निदेशक भास्कर प्रियदर्शी के अध्यक्षता मे मनाई गई। तरुण मित्र मंडल के अयोजकत्व में जिला बाल सरंक्षण इकाई के सहयोग से अयोजित संगोष्ठी की शुरुआत स्वामी जी की चित्र पर पुष्प अर्पित करते राष्ट्र गान से किया गया।
आपको बता दें संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रख्यात पर्यावरणविद, डॉ विद्या नाथ झा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अपनी अंतर्निहित दिव्यता मे विश्वास को व्यक्तित्व विकास का मूल आधार मानते थे। मुख्य अतिथि जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी प्रत्येक क्रिया तथा विचार हमारे मन पर एक छाप छोड़ जाता है। हमारे वर्तमान विचार तथा क्रिया ही हमारा भविष्य निर्धारण करेगी। स्वामी जी दुर्बलता का तिरस्कार किया। उन्होने किशोरों को संबोधित करते हुए कहा कि हम भी पढ़ने काफी कमजोर थे, संकल्प के बदौलत आज मैं अच्छे पद पर हूं। आप भी अपने कमी को दूर कर जीवन में आगे बढ़े।
मनोवैज्ञानिक डॉ कुमारी गुंजन ने अपने संबोधन में बताई की स्वामी जी सर्व धर्म समभाव के भाव को पूरे दुनिया में जागृत किया। भाई चारा और प्रेम का संदेश दिया। आज जो समाज की स्थिति है, मे स्वामी जी के विचार से हरेक बच्चे युवा को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। तरुण निदान के संस्थापक प्रख्यात समाजसेवी अजीत कुमार मिश्र ने संगोष्ठी का संयोजन व संचालन के क्रम में बताया कि स्वामी जी के शिकागो सम्मेलन में हुए भाषण ने भारत को एक मजबूत सांस्कृतिक पहचान के साथ ही सम्मेलन में मौजुद लोगों को हीन भावना से ऊपर लाकर पूरे दुनिया मे विश्व बंधुत्व की भावना को जागृत किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भास्कर प्रियदर्शी ने कहा कि स्वामी जी के बौद्धिक पुनर्जागरण के कारण ही युवा मे नई जागृति हुए, फलस्वरूप बड़े संख्या में युवा भी आजादी के आन्दोलन में शामिल हुए। संगोष्ठी मे मौजुद अथिति योगाचार्य डॉ आर बी ठाकुर अधीक्षिका डेजी कुमारी बाल सरंक्षण पदाधिकारी दिनेश कुमार किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य राम बाबू सिंह व आराधना कुमारी परिवीक्षा पदाधिकारी अमित कुमार बसंत ठाकुर डॉ कुमारी भारती रंजन ने भी प्रेरणास्पद भाषण बच्चे को मंत्र मुग्ध कर दिए। संगोष्ठी में विद्वान शिक्षकगण एवम अवासित किशोर सहित कई गणमान्य मौजुद थे।