जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर डीडीसी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक

 जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर डीडीसी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक

समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर सभागार में उप विकास आयुक्त श्री चित्रगुप्त कुमार की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत निर्धारित 11 अवयवों पर किए जा रहे कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने, नए जल स्रोतों का निर्माण, आहर,पईन का जीर्णोद्धार,सार्वजनिक कुआं का जीर्णोद्धार, चापाकल एवं कुआं के समीप सोख्ता का निर्माण, चेक डैम,छत वर्षा जल संचयन का निर्माण,वृक्षारोपण,टपकन सिंचाई,सौर ऊर्जा एवं जैविक खेती की समीक्षा की गई।

आपको बता दें 05 एकड़ से ऊपर के तालाबों के जीर्णोद्धार के संबंध में लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि पाँच तालाबों में काम शुरू किया गया था, जिनमें से चार का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है। इस वर्ष 07 नए तालाबों के जीर्णोद्धार कराने हेतु प्राकलन बनाकर विभाग को भेजा गया है। सहायक अभियंता ने कहा कि 05 एकड़ से कम वाले तालाब का जीर्णोद्धार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराया जाता है। डीपीओ मनरेगा ने बताया कि 05 एकड़ तक के 562 तालाबों में काम शुरू करवाया गया था जिनमें 483 तलाबों का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है। उप विकास आयुक्त ने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को 10 दिन के अंदर इन तालाबों का सर्वेक्षण करवाने के निर्देश दिए।

डीपीओ ने बताया कि 110 तलाबों पर सौंदर्यकरण का कार्य कराया गया है। आहर के संबंध में बताया गया की 210 आहर में से 206 आहर का कार्य पूर्ण कराया गया जा चुका है तथा 242 पईन पर कार्य प्रारंभ किया गया था 221 में कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। जिले में सार्वजनिक कुआं की संख्या पोर्टल पर 2134 बताया गया है। जिनमें 973 निजी कुआं है एवं 223 कुआं नहीं पाया गया है। जिला पंचायती राज्य के द्वारा 341 कुआं का जीर्णोद्धार करवाया जा चुका है। चापाकल एवं कुआं के समीप सोख्ता निर्माण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए,चेक डैम के संबंध में बताया गया कि मनरेगा के माध्यम से 27,लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से 02 चेक डैम का निर्माण करवाया गया है तथा 03 चेक डैम के निर्माण हेतु निविदा की प्रक्रिया चल रही है।

नए जल स्रोतों के सृजन के संबंध में बताया गया कि मनरेगा द्वारा 1515, मत्स्य विभाग द्वारा 157 एवं कृषि विभाग द्वारा 02 नए जल स्रोतों का सृजन करवाया गया है। छत वर्षा जल संचयन के संबंध में बताया गया कि मनरेगा द्वारा 103 भवनों पर कार्य शुरू करवाया गया था,जिनमें से 58 पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है,अन्य विभागों को मिलाकर कुल 391 भवनों पर छत वर्षा जल संचयन का कार्य प्रारंभ करवाया गया है। बताया गया कि छत वर्षा जल संचयन के लिए 3000 वर्ग फीट का छत्त होना आवश्यक है। उप विकास आयुक्त ने कहा कि अगर 1500-1500 वर्ग फीट के दो भवन आस-पास है तो उन दोनों को मिलाकर छत वर्षा जल संचयन का निर्माण कराया जाए।

बताया गया कि नरेगा के द्वारा लगभग 07 लाख एवं वन विभाग के द्वारा 70 हजार पौधा का रोपण करवाया गया है। टपकन सिंचाई के संबंध में बताया गया कि 64 योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है और ऊर्जा प्लांट के संबंध में बताया गया की 34 योजनाएं पूर्ण है एवं पोर्टल पर दर्ज हैं। इसके साथ ही पुनः 52 योजनाएं पूर्ण कराई गई है,जिसकी जियो टैगिंग कार्य शेष है। उप विकास आयुक्त ने जल्द से जल्द जियो टैगिंग करने के निर्देश दिए। बैठक में संयुक्त निदेशक जन संपर्क श्री नागेंद्र कुमार गुप्ता एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

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