पूज्य काष्णि श्री सुमेधानंद जी महाराज ने ध्रुव चरित्र और प्रहलाद चरित्र का बड़ा ही सुंदर प्रसंग
सिद्ध पीठ श्री महाकाली मंदिर देवीपुरा में आठवें वसंत उत्सव पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस के पावन अवसर पर वृंदावन श्रीधाम से पधारे भागवत भूषण परम पूज्य काष्णि श्री सुमेधानंद जी महाराज ने ध्रुव चरित्र और प्रहलाद चरित्र का बड़ा ही सुंदर प्रसंग कहा महाराज श्री ने कहा किसी भी कार्य को करने का संकल्प बहुत बहुत बड़ा मंत्र है यदि हम किसी काम को करने का निर्णय ले लेते हैं तो ईश्वर भी हमारी अवश्य मदद करते हैं I
महाराज जी ने कहा कि जब ध्रुव की मां ने ध्रुव को भगवान की गोद में बैठने को कहा तो ध्रुव केवल 5 वर्ष की आयु में ही भगवान की खोज में वन में निकल गए थे और अपनी कठिन तपस्या से भगवान को प्रसन्न किया महाराज श्री ने भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए कहा कि पिता अगर कुमार्ग पर चले तो पुत्र का कर्तव्य है उसे सही मार्ग पर लाए तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्रह्लाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा भगवान ने नरसिंह का अवतार रख हरिणाकश्यप का वध कर अपने परमधाम को पहुंचाया महाराज श्री ने कहा हमारा मन संसार में ज्यादा भागता है I
फिर भी मन को भगवान की भागवत कथा में बार-बार लगाएं तो हमारा मन भगवान की कथा में लगकर हमें जीवन मुक्त कर देगा कथा के मध्य में भजनों का आनंद प्राप्त कर सभी भक्त भाव विभोर हो गए महाराज जी ने कहा हम भी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान की भक्ति करें जिससे कि हमारे ऊपर भगवान की कृपा हो कर हमारा जीवन धन्य हो जाए I आज मुख्य रूप से भागवत कथा में गोपाल अग्रवाल, मोहित कंसल, प्रदीप कुमार, योगेश गुप्ता, टीकाराम सिंघल, शरद अग्रवाल, डीके गोयल, राजीव सक्सेना, टंंटे गिरी, अशोक कुमार गोयल, संजय गोयल, वैभव गुप्ता, गौरव सिंघल, परितोष गुप्ता ,आशुतोष गुप्ता, नरेंद्र बंसल, अतुल मित्तल आदि रहे I