बिहार में शिक्षा विभाग का अब तक का सबसे बड़ा एक्शन! 15 दिन के अन्दर इन शिक्षकों चली जाएगी नौकरी

 बिहार में शिक्षा विभाग का अब तक का सबसे बड़ा एक्शन! 15 दिन के अन्दर इन शिक्षकों चली जाएगी नौकरी

बिहार में फर्जी तरीके से नियुक्त नियोजित शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है। ऐसे 815 शिक्षकों की सेवा 15 दिनों में समाप्त करने का निर्देश विभाग ने दिया है। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने मंगलवार को सभी जिले के शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है।

आपको बता दें इसमें रंजीत पंडित की याचिका पर पटना हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए लिखा है कि निगरानी की जांच में 2126 नियोजित शिक्षक फर्जीवाड़ा के दोषी पाए गए थे। इनमें से 1310 की सेवा नियोजन इकाई द्वारा समाप्त की गई। एक शिक्षक का केस निगरानी ने वापस ले लिया। शेष 815 ऐसे नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई लंबित है। निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को नियोजन इकाई से समन्वय स्थापित करते हुए सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने को कहा है। निदेशक के पत्र में जिलावार ऐसे शिक्षकों की संख्या भी शामिल की गई है।

जानकारी के अनुसार भागलपुर में ऐसे शिक्षकों की संख्या सर्वाधिक है। बक्सर, सिवान, सहरसा, कटिहार व बेगूसराय में एक भी लंबित मामला नहीं है। सूची के अनुसार पटना के दो, भोजपुर के 21, कैमूर के एक, रोहतास के तीन, नालंदा के 21, सारण के 40, गोपालगंज के 51, मुजफ्फरपुर के 38, पूर्वी चंपारण के 12, वैशाली के 16 शिक्षक शामिल हैं। इसके अलावा, शिवहर के 10, सीतामढ़ी के 35, पश्चिम चंपारण के तीन, दरभंगा के 17, मधुबनी के 69, समस्तीपुर के 55, मधेपुरा के चार, सुपौल के पांच, पूर्णिया के 16, अररिया के दो, किशनगंज के दो, भागलपुर के 116, बांका के 13, मुंगेर के 44, खगड़िया के 42, जमुई के 84, लखीसराय के 14, शेखपुरा के 16, गया के 17, औरंगाबाद के 28, अरवल के छह, जहानाबाद के 11 एवं नवादा के एक शिक्षक की सेवा समाप्त की जानी है।

संबंधित खबर -