छोटा ‘बेर’ है बड़ी दवा, जानें इसके स्वास्थ लाभ…
बेर बहुत ही उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर फल है। बेर को अधिकतर लोग बचपन में तो बहुत पसंद करते हैं, लेकिन बड़े होने पर खट्टेपन के कारण इसे नहीं खाते हैं। साथ ही, एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग इसके गुणों से अनजान हैं।
बेर दो तरह के होते है एक बड़े आकर वाले और दूसरे छोटे वाले होते है पका बेर स्वाद के साथ शरीर को कई रोग से बचाता है ।
विटामिन सी से भरपूर होता है –
संतरे और नींबू की ही तरह बेर में भी प्रचूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। इसमें अन्य फलों के मुकाबले विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। इसके सेवन से त्वचा लंबी उम्र तक जवां बनी रहती है। इसमें विटामिन सी की मात्रा खट्टे फलों से 20 गुना तक अधिक होती है।
पेट दर्द की समस्या खत्म कर देता है –
बेर का सेवन करने पर यह पेट दर्द की समस्या को दूर कर देता है। बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या दूर होती है और शौच भी खुल कर होता है।
बेरों से सत्तू भी बनाया जाता है। इसे सुखाकर और बारीक पीसकर बनाया गया सत्तू कफ व वायु दोषों का नाश करता है। वहीं इसे बेर को छाछ के साथ लेने से घबराहट, उल्टी और पेटदर्द की समस्या में आराम मिलता है।
जल्दी भरे घाव –
मुंह के छालों की समस्या हो जाये तो बेरी की छाल को अच्छी तरह सुखा कर चूर्ण बनाये और उस चूर्ण को छालों पर लगाये तो आराम मिलेगा। बेर की पत्तियों को पीसकर तेल के साथ इसका लेप लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं। बेर का गूदा लगाने से भी घाव ठीक होते हैं। रोजाना बेर खाने से अस्थमा सही करने व मसूड़ों के घावों को भरने में मदद मिलती है।
खांसी और बुखार में फायदेमंद –
बेर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेटरी गुण होते हैं। बेर का जूस पीने से खांसी और बुखार में आराम होता है। साथ ही बेर का जूस खांसी, फेफड़े संबंधी विकारों और बुखार के इलाज में भी मददगार साबित होता है। वैज्ञानिकों ने बेर में आठ तरह के फ्लेवेनॉयड ढूंढे हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है –
बेर में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम और आयरन और खनिज पदार्थ भी मौजूद होते हैं। इन तत्वों से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है
दिल के लिये फायदेमंद –
आयुर्वेद के अनुसार बेर दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बेर खाने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका कम हो जाती है। इन्हें खाने से बार-बार प्यास लगने की शिकायत भी दूर होती है।