गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट:स्थानीय संगठन के अड़ने से डॉ महेंद्र नागर फिर सपा प्रत्याशी

 गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट:स्थानीय संगठन के अड़ने से डॉ महेंद्र नागर फिर सपा प्रत्याशी

ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर संगठन की शक्ति के सामने झुकते हुए सपा नेतृत्व ने बीच में घोषित प्रत्याशी राहुल अवाना को खारिज कर एक बार फिर डॉ महेंद्र नागर को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसके साथ ही पिछले दस दिनों से पार्टी प्रत्याशी को लेकर चल रहे असमंजस पर न केवल विराम लग गया है बल्कि गुर्जर बिरादरी के नागर गौत्र के लगभग सवा लाख मतदाताओं में भी हर्ष की लहर दौड़ गई है। उधर पुनः प्रत्याशी बनाए जाने के बाद डॉ महेंद्र नागर के सामने इस सीट पर समाजवादी पार्टी की साख बचाने की चुनौती पैदा हो गई है।

राजनीतिक हलकों में चल रही चर्चाओं को विराम देते हुए सपा नेतृत्व ने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से एक बार फिर डॉ महेंद्र नागर को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पहली बार में भी उन्हें ही टिकट दिया गया था परंतु बीच में एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता राहुल अवाना को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। इस बदलाव को लेकर समाजवादी पार्टी के स्थानीय संगठन में गहरा असंतोष पैदा हो गया था। डॉ महेंद्र नागर को टिकट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सपा जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को राहुल अवाना को प्रत्याशी बनाए जाने के निर्णय पर न केवल अपनी असहमति से अवगत कराया बल्कि इस सीट पर गुर्जर मतदाताओं में गौत्र वाद की स्थिति का भी हवाला दिया। इस बीच राहुल अवाना द्वारा पार्टी संगठन को दरकिनार कर टिकट हासिल करने के बयान ने आग में घी का काम किया। क्षेत्र में इस प्रकार की चर्चाएं भी होने लगीं कि राहुल अवाना ने धनबल के जरिए टिकट हासिल किया है। अंततः संगठन की मांग के सामने झुकते हुए अखिलेश यादव ने पुनः डॉ महेंद्र नागर को प्रत्याशी घोषित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि बीच में घोषित प्रत्याशी राहुल अवाना को टिकट दिलाने में नोएडा के कुछ यादव नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी परंतु जिला संगठन दूर रहा था। पार्टी द्वारा पुनः प्रत्याशी बनाए जाने के बाद डॉ महेंद्र नागर के साथ साथ स्थानीय सपा संगठन के लिए भी चुनाव में पार्टी की साख बचाने की चुनौती पैदा हो गई है।माना जा रहा है कि राहुल अवाना ज्यादा मजबूती से चुनाव लड़ता परंतु तब स्थानीय संगठन की कहीं पूछ नहीं होती। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संगठन डॉ महेंद्र नागर को कितनी मजबूती से चुनाव लड़ा पाता है जबकि भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा को पहले से ही बढ़त हासिल है तथा बसपा ने राजेंद्र सिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनाकर एक नई चुनौती पेश कर दी है।

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