जिला न्यायालय में सीसीटीवी कैमरे चालू न होने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस

 जिला न्यायालय में सीसीटीवी कैमरे चालू न होने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस

गौतम बुध नगर:क्या जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर में लगे सीसीटीवी कैमरे केवल दिखाने के लिए हैं? गत 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता गौरव भाटिया प्रकरण में जिला जज द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आज पेश की गई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया प्रकरण में स्वत: संज्ञान लेकर दायर की गई याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष जिला जज गौतमबुद्धनगर द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर में लगे सीसीटीवी कैमरे चालू नहीं हैं। इस संबंध में कई बार उच्च न्यायालय इलाहाबाद व राज्य सरकार को जिला जज द्वारा पत्र लिखे गए हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई और न फंड जारी किया गया।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज गौतमबुद्धनगर को गौरव भाटिया प्रकरण में घटना के दौरान की सीसीटीवी फुटेज पेश करने का आदेश दिया था। यहां यह भी गौरतलब है कि मामला बढ़ने पर तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेने से जिला न्यायालय बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता गौरव भाटिया से उनके साथ हुई घटना के लिए न केवल समझौता कर लिया था बल्कि उन्हें बार के होली मिलन समारोह में आमंत्रित कर सम्मानित भी किया था। इसके बाद मामला समाप्त समझा जा रहा था परंतु सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्धारित तिथि पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को जिला न्यायालय में सीसीटीवी कैमरे चालू न होने के लिए नोटिस जारी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट इस प्रकरण में आगामी आठ अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा,

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