Bihar: कुख्यात शूटर कुणाल सिंह को मोतिहारी कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जानें पूरा मामला

 Bihar: कुख्यात शूटर कुणाल सिंह को मोतिहारी कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जानें पूरा मामला

बिहार के पूर्वी चंपारण के कुख्यात शूटर कुणाल सिंह को मोतिहारी कोर्ट ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । कुणाल सिंह के घर से एके-47 बरामद हुआ था । इस मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में 42 हजार रुपया का अर्थदंड भी लगाया है ।

आपको बता दें मोतिहारी अपर लोक अभियोजक सुभाष चंद्र यादव ने 11 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा । साथ ही बचाव पक्ष के वकील कन्हैया प्रसाद सिंह ने भी अपना पक्ष रखा । इसी क्रम में 7 मई को कुख्यात कुणाल सिंह को न्यायालय ने दोषी करार दिया । आठ मई यानी बुधवार को फैसला सुनाया गया । कुख्यात कुणाल सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है । 2017 में मोतिहारी की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था । इसके बाद जमानत पर न्यायालय से बाहर निकले के बाद वह फरार चल रहा था ।

मोतिहारी के तत्कालीन एसपी उपेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुलिस छापेमारी करने गई थी तो कुणाल सिंह गैंग के साथ मुठभेड़ हुई थी । उस मामले में दो अपराधियों के साथ एक भैंस को गोली लगी थी । कुणाल सिंह अंधेरे का लाभ उठाते हुए फरार हो गया था । उस पर पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण जिले के कई थानों में कुल 17 हत्या, रंगदारी, उत्पाद विभाग की टीम पर जानलेवा हमला जैसे मामले दर्ज हैं । कुख्यात कुणाल सिंह पीपरा कोठी थाना क्षेत्र के कुड़िया बंगारी गांव निवासी अशर्फी सिंह का पुत्र है । जिले के टॉप कुख्यात लिस्ट में उसका नाम है ।

जानकारी के लिए बता दें कि जिले के हरपुर नाग मुखिया के पति बीरेंद्र ठाकुर की हत्या के बाद कुणाल सिंह का नाम कुख्यात के रूप में जिले भर में हो गया । रक्सौल के एक निजी स्कूल पर दिनदहाड़े एके 47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत मचा चुका है । वहीं बेतिया कोर्ट में कुख्यात बबलू दुबे की कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर चुका है।

एक बार पुलिस कुख्यात कुणाल सिंह के गांव गई । उस दौरान उत्पाद विभाग की पुलिस टीम पर कई राउंड गोली चलाकर हमला बोल दिया था । कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस अधीक्षक के साथ एक टीम बनाई गई । कुणाल सिंह के घर की घेराबंदी कर छापेमारी की गई तो उसके घर से एके 47 बरामद किया। बता दें तीन अलग-अलग मामले में सजा हुई है । एक केस में पांच साल, दूसरे में सात साल और एके 47 बरामदगी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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