गणेष चतुर्थी : आज गणेषोत्सव देशभर में मानाया जा रहा है।

 गणेष चतुर्थी : आज गणेषोत्सव देशभर में मानाया जा रहा है।

संवाददाता : आज गणेश चतुर्थी (गणपती पूजा) देषभर में लोग धूमधाम से गणेषोत्सव मनाएंगे। गणपति को घर में लाकर आज विराजमान करेंगे और उनकी पूजा 10 दिन तक धूमधाम से करेंगे। गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दर्षी तक यानी दस दिनो तक चलता है। इसके बाद चतुर्दषी को विसर्जन किया जाता है। आए जानते है शुभ मुहूर्त का समय तथा मूर्ति का स्थापना कैसे करे।
विषेष मुहूर्त : इस साल 22 अगस्त यानि आज सुबह से शाम 7 बजकर 57 मिनट शाम तक चतुर्थी तिथि रहेगी। पूजन का शुभ मुहुर्त 12 बजकर 45 मिनट तक है विषेष मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। 
भगवान गणेष की मूर्ति स्थापना : गणपति की स्थापना में इस बात का विषेष ध्यान रखें कि मूर्ति का मुंह पूर्व दिषा की ओर होना चाहिए। गणेश भगवान की पूजा से पहले संकल्प लेना अनिवार्य होता है। मूर्ति स्थापना के लिए एक लाल वस्त्र चौकी पर बिछाएं, वस्त्र पर अक्षत छिड़कें और उसके ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद भगवान गणेश को स्नान कराएं, प्रतिमा के दोनों ओर रिद्दि सिद्दि के रूप में एक एक सुपारी रखें, इसके बाद भगवान गणेष की आराधना करें। भगवान गणेष को धूप, दीप, वस्त्र, फूल, फल, मोदक अर्पित किए जाते है। गणपति को दिन भर में 3 बार भोग लगाना अनिवार्य होता है। वैसे गणपति को मोदक अति प्रिय होते है इसलिए इसका भोग लगाना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश की आरती उतारी जाती है। 
ऐसी मान्यता है कि सभी देवों में प्रथम पूजनीय गणेश जी की उत्पत्ति इसी शुभ मौके पर हुई थी। गणपति बप्पा का आर्षीवाद मिलने से जीवन की कठिनाइयां दूर हो जाती है।

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