बिहार में 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध, दोबारा होगी जांच
बिहार में 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं I ऐसे संदिग्ध प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच कराई जाएगी I दोषी पाए जाने पर शिक्षकों पर कार्रवाई तय है I इसके साथ ही बिहार में सक्षमता परीक्षा पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षकों में से 96 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रथम दृष्टया में फर्जी पाए गए हैं I बीते दिन गुरुवार को शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह की ओर से इस संबंध में रिपोर्ट जारी की गई है I
मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि किसी कारण से काउंसलिंग से गैरहाजिर और वैध कारण वाले शिक्षकों को दोबारा काउंसलिंग का मौका दिया जाएगा I इसके लिए तारीख बता दी जाएगी I बता दें कि सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की हुई काउंसलिंग के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में बीते सोमवार (14 अक्टूबर) को बैठक हुई थी I उसमें यह निर्णय लिया गया है कि फर्जी सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी I
वही दूसरी ओर जिन 96 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी लग रहे हैं उसकी जांच होगी I शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय स्तर से गठित समिति इसकी जांच करेगी I वहीं जिन 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं उन्हें फिर से सही प्रमाणपत्र अपलोड करने का मौका मिलेगा I इसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सॉफ्टवेयर में विकल्प दिया जाएगा I हालांकि पहले वाला सर्टिफिकेट भी रहेगा ताकि दोनों की तुलना हो सके I
जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 हजार 925 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो पाई थी I इनमें से 10 हजार 219 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापित हुआ लेकिन आधार नहीं I वहीं 32 नियोजित शिक्षकों का आधार सत्यापित हुआ, लेकिन बायोमेट्रिक नहीं I 311 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित हुआ, लेकिन मोबाइल नहीं रहने के कारण ओटीपी नहीं गया I