सुप्रीम कोर्ट : देश भर में मोहर्रम जुलूस की इजाजत नहीं

 सुप्रीम कोर्ट : देश भर में मोहर्रम जुलूस की इजाजत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में मोहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति देने से इंकार किया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि जुलूस निकालने देश में अराजकता फैलेगी। पुरे देश में मुहर्रम जुलूस निकालने की मांग वाली याचिका शिया धर्मगुरू मौलान कल्बे जव्वाब ने की थी। 


सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में मुहर्रम के मौके पर जुलूस निकालने की याचिका पर गुरूवार को सुनवाई की। सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि मुहर्रम के मौके पर तजिया का जुलूस निकालने की अनुमति दी गयी तो इसके बाद कोरोना फैलाने के लिए समुदाय विशेष को निशाना बनाया जाएगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने कहा कि मुहर्रम जुलूस के लिए कोई स्पष्ट स्थान ही है जहां प्रतिबंध या सावधानी हो सके।


मुहर्रम इस्लामिक वर्ष का पहला महीना होता है, इस महीने की 10वीं तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के गम में मुहर्रम का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत को याद किया जाता है। इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों के लिए मुहर्रम एक प्रमुख त्योहार है। महीने की 10वीं तारीख को मोहर्रम जूलूस निकाला जाता है। माना जाता है कि मुहर्रम के एक रोजे का 30 रोजों के बराबर फल मिलता है। संवाददाता, एबी बिहार न्यूज।

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