अब चिकित्सकों से दुर्व्यवहार करना पड़ेगा भारी, जेल गए तो नहीं होगी ज़मानत
शनिवार को राज्यसभा में, चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार को गैर ज़मानती अपराध बनाने वाला महामारी रोग(संशोधन) विधेयक ध्वनि मत से पारित हुआ|
डॉ.हर्षवर्धन ने इस संशोधन की व्याख्या की
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,इस विधेयक में चिकित्सक समुदाय को सुरखा देने के पर्याप्त प्रावधान किये गए हैं| इनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार को गैर ज़मानती बनाया गया है| स्वास्थ्य सेवाओं के उपकरणों और बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति से बाज़ार से दोगुनी कीमत वसूली जाएगी| आईपीसी व आपराधिक दंड संहिता में मौजूद प्रावधान का हवाला देते हुए डॉ.हर्षवर्धन ने कहा की डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित है|
महामारी रोग विधेयक के प्रावधान
स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ अपराध की स्थिति में तीन महीने से पांच साल तक कारावास के साथ दंड और दो लाख रूपए तक जुर्माने का प्रावधान| अगर स्वास्थय सेवा के कर्मियों को हिंसा से गंभीर रूप से नुक्सान होता है तो अपराधी को 6 महीने से 7 साल के कारावास व एक लाख का जुर्माना दंड के साथ भरने का प्रावधान है|