सतगुरु मां के पावन जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्री कबीर ज्ञान मंदिर में भव्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन

 सतगुरु मां के पावन जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्री कबीर ज्ञान मंदिर में भव्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन

सतगुरु मां के पावन जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्री कबीर ज्ञान मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वृहत् रक्तदान शिविर का अयोजन किया गया। रक्तदान शिविर का उद्घाटन सद्गुरु मां ज्ञान, महापौर प्रकाश सेठ, सिविल सर्जन, समाजसेवी सुबोध प्रकाश, ध्रुव संथालिया, दिनेश खेतान, रेड क्रॉस के चेयरमैन मदन मोहन विश्वकर्मा, पूनम प्रकाश, अरुण माथुर, शालिनी वैशिखियार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। आयोजित रक्तदान शिविर में 250 यूनिट रक्त संग्रह किया गया।

ज्ञात हो कि इस शिविर में लगभग 40% बहनों ने रक्तदान किया है। मंदिर परिसर में रक्त दाताओं के की लंबी कतार लगी हुई थी। सभी अपनी अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। कबीर ज्ञान मंदिर में रक्तदान शिविर; एक शिविर ना होकर महोत्सव का रूप ले लिया था जहां लोगों में रक्तदान के प्रति गजब की उत्साह थी और यह उत्साह के प्रेरणा स्रोत हैं परम वंदनीय मां ज्ञान जिन्होंने अपने उपदेशों में लोगों को पूजा-पाठ और कर्मकांड सिखाया है साथ ही मानवता की सच्ची सेवा करना। इस पुनीत अवसर पर श्री कबीर ज्ञान मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित नारी आशादीप “मां ज्ञान कौशलम्” में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बहनों के बीच पूरे परिवार के लिए वस्त्रों का वितरण भी ट्रस्ट परिवार के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मां ज्ञान ने अपने उद्बोधन में कहा की यदि हम 90% कर्म लौकिक सांसारिक कामना को लेकर करते हैं, तो कम से कम 10% कर्म निष्काम होकर अवश्य करें। जब श्रेष्ठ कर्म किया जाएगा, तो प्रभु की कृपा वृष्टि अवश्य होगी और जब प्रभु की कृपा वृष्टि होगी, तो हृदय में ज्ञान भक्ति विवेक उत्पन होगा और आत्मातृप्त होएगी। उन्होंने आगे कहा हमलोगों ने ईश्वर, अल्लाह, गॉड को नहीं देखा है, लेकिन जो जीव समुदाय, मानव है, उन्हें तो हम प्रत्यक्ष देखते हैं। ये मानवजगत प्रभु के ही तो मूर्त रूप हैं। मानव की सच्ची सेवा ईश्वर की सेवा है। यदि हम अपने जीवन में परोपकार का कार्य कर पाते हैं, तो आत्म संतुष्टि के साथ साथ आत्मिक प्रसन्नता को भी प्राप्त करते हैं।

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