पुणे की एक स्थानीय अदालत ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को राहत दी
पुणे की एक स्थानीय अदालत ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को राहत दी है| अदालत ने कंपनी के द्वारा कोविशील्ड ब्रांड नाम के इस्तेमाल पर रोक की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है| कंपनी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी| एसआईआई कोविशील्ड नाम से कोरोना वायरस के एक वैक्सीन का उत्पादन कर रही है, जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है|
भारत सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की 110 लाख खुराकें खरीदी हैं| हालांकि कोर्ट का आदेश फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पाया, लेकिन याचिका दायर करने वाली दवा कंपनी कुटिस-बायोटेक के वकील ने कहा कि वह उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे|
दुनिया कि सबसे बड़ी फैक्ट्री है सीरम इंस्टिट्यूट, जानिये इसके बारे में :
कुटिस-बायोटेक ने दीवानी अदालत में चार जनवरी को एक मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि उसके पास ब्रांडनेम कोविशील्ड का उपयोग करने का पहले से अधिकार था| एसआईआई ने अदालत को बताया कि दोनों कंपनियां अलग-अलग उत्पाद श्रेणियों में काम करती हैं और ट्रेडमार्क को लेकर भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है| एसआईआई के वकील हितेश जैन ने कहा, ‘‘अदालत ने याचिका खारिज कर दी है|’
वहीं, एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदर पूनावाला ने शनिवार को कहा कि उनकी कंपनी ने कोविड-19 के एक और टीके का परीक्षण शुरू करने के लिए आवेदन किया है तथा संस्थान को जून 2021 तक इसके उत्पादन की उम्मीद है| एसआईआई पहले ही ‘कोविशील्ड’ टीके का उत्पादन कर रहा है जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने विकसित किया है| देश में अभी चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र ने ‘कोविशील्ड’ टीके की एक करोड़ 10 लाख खुराक खरीदी हैं|