चार साल बाद बांग्लादेश की जेल से लौटकर वापस घर आया बिहार का बेटा
भागलपुर जिले के लोदीपुर थाना क्षेत्र के उस्तु गांव निवासी राजेंद्र रविदास के परिवारवालों के चेहरे की मुस्कान लौट आई है| ऐसा इसलिए क्योंकि उनका बेटा चार साल बाद बांग्लादेश की जेल से लौटकर वापस घर आया है| मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर के प्रयास से राजेंद्र की वतन वापसी संभव हुई है|
राजेंद्र तंगहाली की वजह से रोजगार की तलाश में 2017 में दिल्ली गया था| यहां से पश्चिम बंगाल और गलती से बांग्लादेश की सीमा में घुसने पर बंगा पिपरा पुलिस ने उसे पकड़कर मुर्शिदाबाद जेल भेज दिया| चार साल बाद जेल से रिहा होकर उसके घर पहुंचने पर परिजनों के साथ ही गांव के लोग भी काफी खुश हैं| बताया जाता है कि राजेंद्र मानसिक रोगी भी है|
गलती से बांग्लादेश सीमा में घुसा था राजेंद्र
जानकारी के अनुसार, राजेंद्र नौकरी के लिए दिल्ली गया था| फिर दिल्ली से बंगाल गया और भटकते हुए बांग्लादेश की सीमा में घुस गया| बांग्लादेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया| वहीं बेटे की कोई खबर न मिलने पर परिजन परेशान हो गए| इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता विशाल रंजन के जरिए उसके जेल में बंद होने की जानकारी मिली|
घर लौटने पर मां ने लगाया गले
सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से चार बाद राजेंद्र की बांग्लादेश की जेल से रिहाई हो पाई है| उसके घर लौटने पर मां ने गले लगाया और सामाजिक संस्था के विशाल रंजन को मसीहा बताया|
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उन्होंने कहा कि हमने तो बेटे की रिहाई की उम्मीद छोड़ दी थी| यह हमारे परिवार के लिए बेहद खुशी का पल है|
अक्टूबर में विशाल रंजन दफ्तुआर से लगाई थी गुहार
पीएम, विदेश मंत्री और मुख्यमंत्री से फरियाद लगा चुके इस गरीब परिवार के बेटे की रिहाई के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने पिछले साल अक्टूबर में गुहार लगाई थी|
विशाल दफ्तुआर ने राजेंद्र की पत्नी सरिता देवी के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस मामले पर तब त्वरित संज्ञान लिया था|