आगरा : 35 हजार रूपये डिलीवरी फीस नही चुकाने पर, माँ के बच्चे को डॉक्टरों ने बेच दिया
धरती पर भगवान का दर्जा डॉक्टर को दिया जाता है। लेकिन नवजात बच्चे को उसकी मां से छीनकर डॉक्टर ने बेच दिया। यह सुनने में अजीब सा लगता है। लेकिन ऐसा एक मामला उतर प्रदेष के आगरा जिले से आया है। दंपति ने डिलीवरी के फीस 35000 हजार रूपये देने में असमर्थता जताई। इस पर अस्पताल वालों ने मां से जबरदस्ती बच्चा को ले लिया और अंगूठे का निशान एक कागज पर लगवा लिया। बबिता (36 वर्ष) एक बच्चे को पिछले हफ्ते जन्म दिया था, यह सर्जरी के माध्यम से डिलीवरी हुई थी।
दंपती किराए के कमरे में उतरप्रदेष के आगरा जिले के अंतर्गत षंभू नगर इलाके में अपने पति षिवचरण के साथ रहती है। 200 से तीन सौ रूपए षिवचरण रिक्षा चलाकर कमाता था। खबर के मुताबिक आशा वर्कर 24 अगस्त को दंपती के घर आई और फ्री में डिलीवरी करवा देने की बात बबिता से कही। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने कहा कि सर्जरी करानी पड़ेगी। सर्जरी द्वारा डिलीवरी कराया गया। सर्जरी के बाद अस्पताल वालों ने पैतीस हजार का बिल थमाया।
षिवचरण ने कहा कि डिस्चार्च पेपर अस्पताल वालों ने नही दिया हैं कुछ कागजों पर हम लोगों द्वारा अस्पताल वालों ने अंगूठा का निशान लिया है। उन्होंने एक लाख रूपये बच्चे को खरीद लिया है। अस्पताल ने सभी आरोपों को खारिज किया है अस्पताल द्वारा कहा गया है कि दंपति बच्चे को छोड़ देने के कारण उसे गोद लिया गया हैं बच्चा को बेचा नही गया है। सीमा गुप्ता ट्रांस युमुना इलाके के जेपी अस्पताल की प्रबंधक ने कहा कि दंपति खुद बच्चे को छोड़ने की इच्छा जाहिर कि थी इसकी लिखित समझौते की माता-पिता के हस्ताक्षर वाली प्रति अस्पताल में मौजूद है।
घटना की सूचना मिलने पर डीएम प्रभुनाथ सिंह मौके पर पहुंचे, उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला हैं इसकी जांच की जाएगी एवं दोषी पाए जाने वाले लोगों पर उचित कार्रवाही की जाएगी। संवाददाता, एबी बिहार न्यूज।