दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां देने के बिल की मंजूरी दी: केंद्र सरकार
देश की राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल को पहले से अब अधिक शक्तियां मिलेगी। अधिक शक्तियां उपराज्यपाल को देने के बिल की मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट ने दे दी है। केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव को कम करने के लिए इस प्रकार के संषोधन किए गए है।
इसके तहत गवर्नमेंट आॅफ एनसीटी दिल्ली एक्ट में संशोधन हुआ है।
इस एक्ट में संशोधन के मुताबिक तय समयावधि मंे एलजी के पास विधायी और प्रशासनिक प्रस्ताव दिल्ली की निर्वाचित सरकार को भेजने का प्रावधान किया गया है। इसी सत्र में इस बिल को पारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले वर्ष 2019 के प्रारंभ में ही आने के बाद स्थिति को स्पष्ट करने की आवष्यकता पड़ी थी। इस कारण दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों व शक्तियां के लिए होते टकराव कम करने के लिए ये संशोधन केंद्रीय कैबिनेट ने किए है।
बिल में संषोधन के मुताबिक अब दिल्ली सरकार को प्रषासनिक प्रस्ताव कम से कम 7 दिन पहले तथा विधायी प्रस्ताव कम से कम 15 दिन पहले उपराज्यपाल के पास भेजनें होगें। केंद्रषासित प्रदेष दिल्ली होने के कारण उपराज्यपाल को कई शक्तियां मिली हुई है। अलग-अलग पार्टियों की सरकार केंद्र व दिल्ली में होने के कारण अधिकारों के चलते दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी चलती रहती है।
आम आदमी पार्टी नेता सिसोदिया ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि आज एलजी को दिल्ली सरकार के अधिकार दिए जा रहे है। इतनी शक्तियां एलजी को केंद्र सरकार दे रही है कि सभी निर्णय दिल्ली सरकार के अब वहीं लेंगे। दिल्ली की जनता जिस सरकार को चुनी है उसे अब निर्णय लेने का अधिकार नहीं रहेगा। गोपनीय तरीके से केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि यह कदम केंद्र सरकार द्वारा जनता द्वारा चुनी हुई सरकार व संविधान के विरुद्ध है।
संवाददाता, एबी बिहार न्यूज।