पटना के चिड़ियाघर में बनेगा एशिया का दूसरा ब्रेल कॉरिडोर, नेत्रहीन भी उठा सकेंगे जू का आनंद

 पटना के चिड़ियाघर में बनेगा एशिया का दूसरा ब्रेल कॉरिडोर, नेत्रहीन भी उठा सकेंगे जू का आनंद

पटना जू का आनंद अब अंधे भी उठा सकेंगे I ब्लाइंड लोगों के लिए पटना जू में एशिया का दूसरा ब्रेल कॉरिडोर बनाया जा रहा है। जिसमें ब्रेल लाइब्रेरी के साथ-साथ ब्रेल इन्फॉर्मेशन सिस्टम लगाया जाएगा। इस सिस्टम से नेत्रहीन भी सामान्य लोगों की तरह चिड़ियाघर का आनंद उठा सकेंगे।

आपको बता दें लखनऊ जू में एशिया का पहला ब्रेल कॉरिडोर बनाया गया है। इसका मॉडल मीत वेलफेयर फाउंडेशन के प्रेसिडेंट रोहित कुमार मीत ने तैयार किया था। साल 2018 में यह मॉडल लखनऊ जू में काफी हिट हुआ और इससे नेत्रहीन भी चिड़ियाघर की सैर करने लगे। अब लखनऊ की तर्ज पर पटना जू में भी ब्रेल कॉरिडोर और ब्रेल लाइब्रेरी बनाने की तैयारी की जा रही है।

संजय गांधी जैविक उद्यान केंद्र के निदेशक सत्यजीत कुमार ने बताया कि बहुत जल्द पटना जू में ब्रेल कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। जिसके बाद नेत्रहीनों के लिए वन्य जीवों की जानकारी सामान्य लोगों की तरह आसान हो जाएगी। इसके लिए मीत वेलफेयर फाउंडेशन ने काम शुरू कर दिया है। ब्रेल कॉरिडोर का मॉडल तैयार करने वाले रोहित कुमार मीत बताते हैं कि ब्लाइंड लोगों की भी इच्छा होती है कि वह सामान्य लोगों की तरह चिड़ियाघर की सैर करें।

इस मॉडल के तहत ब्रेल कॉरिडोर बनाया जाता है। इसमें ब्रेल इन्फॉर्मेशन बोर्ड लगाए जाते हैं। कॉरिडोर में बोर्ड पर एक साथ जू के सभी वन्य जीव जंतुओं की पूरी जानकारी ब्रेल लिपि में दर्ज होती है। इससे नेत्रहीन आसानी से वन्य जीवों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर बाणे तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद वह जानवरों के सामने लगे ब्रेल बोर्ड के जरिए संबंधित जानवर की पूरी जानकारी पढ़ सकते हैं। इससे उन्हें सामान्य लोगों की तरह जानवरों के बारे में जानकारी मिल जाती है।

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