मेदांता अस्पताल पटना में ढ़ाई वर्ष के बच्चे की हुई बैलून वाल्वोप्लास्टी
- पीडीए नली को बिना आपरेशन आधुनिक तकनीक से किया गया बंद
- अब होने लगा है बच्चों के हार्ट से जुड़ी बीमारियों का इलाज
पटना, 10 मई 2022: जयप्रभा मेदांता अस्पताल पटना में अब बच्चों के हार्ट से जुड़ी विभिन्न बीमारियों का इलाज होने लगा है। यहां पिछले दिनों बच्चों के हार्ट से जुड़ी दो जटिल प्रोसीजर की गयी हैं। पहली प्रोसीजर पीडीए नली की है जबकि दूसरी वाल्व की वाल्वोप्लास्टी हुई है। दोनों ही सर्जरी मेदांता अस्पताल पटना में कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी और डायरेक्टर डॉ प्रमोद कुमार की देखरेख में हुई है। अब दोनों ही बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
इसके बारे में जानकारी देते हुए डॉ प्रमोद कुमार कहते हैं कि हमनें तीन वर्ष की बच्ची के पीडीए नली की सफलता पूर्वक प्रोसीजर की है। जब बच्चा मां के गर्भ में रहता है तो यह नली बच्चे के जीवन के लिए जरूरी होती है। लेकिन जन्म के बाद आमतौर पर सात से दस दिन में बंद हो जाती है। कभी एक माह में बंद होती है। वहीं जब इस अवधि के बाद भी बंद नहीं हो तब बच्चे को परेशानी होने लगती है। इससे पीड़ित बच्चे को सर्दी-खांसी बनी रहती है, बहुत दिनों तक यही स्थिति रही तो फेफड़े पर दबाव बनने लगता है। इसमें फेफड़े तक असमान्य रूप से खून फ्लो करता है जिससे बच्चे के जीवन पर खतरा मंडराता रहता है। वे कहते हैं कि पूर्व में इसको ठीक करने या पीडीए नली बंद करने के लिए आपरेशन किए जाते थे लेकिन अब एक तरह की छतरी पीडीए नली के दोनों तरफ लगा कर हम इसे बंद कर देते हैं। जिस बच्ची का हमने यह इलाज किया उसमें सही से ग्रोथ नहीं हो पा रहा था। उसके अभिभावकों ने उसे कई जगहों पर दिखाया था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था। अब बच्ची बिल्कुल ठीक है।
उन्होंने बताया कि वहीं दूसरा केस एक ढ़ाई वर्ष के बच्चे का था जिसका वाल्व सिकुडा हुआ था। उसे ठीक करने के लिए उसके वाल्व की वाल्वोप्लास्टी की गई। वाल्वोप्लास्टी में एक तरह का बैलून लगाकर वाल्व को खोल देते हैं। यह बच्चा भी अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
डॉ प्रमोद कुमार बताते हैं कि मेदांता अस्पताल पटना में बच्चों के हार्ट के इलाज की सभी व्यवस्थाएं हैं। अस्पताल में हार्ट से जुड़ी लगभग सभी तरह की सर्जरी हो रही है। जल्द ही यहां हार्ट ट्रांसप्लांट भी होने लगेगा। मेदांता अस्पताल पटना में हार्ट की बीमारियों का इलाज आधुनिक तकनीक से अनुभवी चिकित्सकों द्वारा होता है।