बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगा प्रतिबंध, करने वालों पर लगेगा 1 लाख की जुर्माना और 5 साल की सजा
बिहार में बीते मंगलवार को थर्मोकोल के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके विनर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, वितरण, विक्रय एवं उपयोग अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ चुका है। लोग अब इसकी खरीद-बिक्री नहीं कर सकेंगे। यदि किसी ने इसका उपयोग किया तो उसे 1 लाख रुपए का जुर्माना और 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
आपको बता दें इन नियमों का उल्लंघन करते हुए अगर कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत 5 वर्षों की जेल और 1 लाख रुपया जुर्माना अथवा दोनों सजाओं का प्रावधान है। सिंगल यूज प्लास्टिक के अंतर्गत प्लास्टिक की वैसी चीजें आती हैं, जिन्हें हम एक बार उपयोग करने के बाद फेंक देते हैं। बीते जून महीने में ही इसकी अधिसूचना जारी की जा चुकी थी।
सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल जैव विघटीय नहीं है। इनको जलाने से विषाक्त गैसों का उत्सर्जन होता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इनमें प्लास्टिक कप, प्लेट, ग्लास, कटोरी, कांटा, चम्मच, स्ट्रॉ, घोटन, थर्मोकोल के कप, प्लेट, ग्लास, कटोरी, प्लास्टिक बैनर एवं ध्वज-पट्ट, प्लास्टिक झंडा, झाड़-फानूस एवं सजावट की सामाग्री, प्लास्टिक परत वाले कागज के प्लेट, कप, पानी के पाउच एवं पैकेट्स शामिल हैं। ये जमीन की उर्वरा शक्ति को कमजोर बना देता है। खाद्य पदार्थ के साथ इसे खाकर जानवर जान तक गंवा बैठते हैं। इसे देखते हुए सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगाया है।