बसंत पंचमी : इस दिन का सबको रहता है इंतज़ार
हिंदू धर्म में सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है, बसंत पंचमी का पर्व सरस्वती माता को सर्मिर्पत है। पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार इस वर्ष 16 फरवरी 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि को बसंत पंचमी के नाम जाना जाता है। इस पर्व को विद्यालयों और हिन्दू परिवारों में सरस्वती मां के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष सभी लोग इस पर्व को बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं। यह पर्व माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार यह बहुत ही शुभ दिन होता है।
इस दिन मंदिरों में भी पूजा का आयोजन इन दिन किया जाता है, साथ ही विशेष पूजा पंडालों का भी आयोजन किया जाता है। वहां पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है, क्योंकि मां सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना जाता है। इसके साथ ही उत्तर भारत में कई स्थानों पर पतंगबाजी भी की जाती है और बच्चे उल्लास से यह पर्व मनाते हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त में सरस्वती पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। शिक्षा और संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोग इस पर्व का वर्षभर इंतजार करते हैं।
महत्व
पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त का योग भी बनता है। इस दिन शुभ कार्य करने के लिए किसी मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस दिन को विद्या आरंभ करने के लिए भी उत्तम माना गया है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी से ग्रीष्म (गर्मी) ऋतु के आगमन का आरंभ होता है. बसंत पंचमी से सर्दी के जाने का क्रम आरंभ हो जाता है। बसंत के मौसम में प्रकृति नए रंग में नजर आने लगती है, फसल, पौधों और वृक्षों पर नए पत्ते, बाली और फूल खिलने लगते हैं। यह वातावरण कवि, संगीत प्रेमी और लेखकों को बहुत प्रिय है।
बसंत पंचमी मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि आरंभ होगी. बसंत पंचमी का समापन 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगा.
सरस्वती पूजा मंत्र
सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा