देश के 13 राज्यों में महँगाई, बेरोज़गारी , भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ “भगतसिंह जनअधिकार यात्रा” की शुरुआत
देश के 13 राज्यों में महँगाई, बेरोज़गारी , भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ “भगतसिंह जनअधिकार यात्रा” की शुरुआत 10 दिसम्बर से कर्नाटक के बेंगलुरु से हो चुकी है। यात्रा के दूसरे चरण के बैनर तले रोज़गार, शिक्षा, चिकित्सा, आवास आदि मुद्दों को लेकर जनता को एकजुट व लामबंद करना यात्रा का मूल मकसद है। यह यात्रा देश के 13 राज्यों और 80 से ज़्यादा ज़िलों से होते हुए 8500 किलोमीटर तय करेगी यात्रा।
बिहार में यह यात्रा कल यानी 17 जनवरी को सिवान जिले से बिहार में प्रवेश कर रही है। बिहार में सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पटना, आरा और बक्सर जिले में यात्रा निकाली जाएगी। “भगतसिंह जनअधिकार यात्रा” के संयोजक संगठनों ने आज पटना के शिक्षक संघ भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के ज़रिये इस यात्रा के मक़सद और आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र इसकी अहमियत पर बात रखी।
यात्रा के बारे में प्रेस वार्ता के दौरान नौजवान भारत सभा की तरफ़ से अजीत ने बात रखते हुए कहा कि इस यात्रा के तहत हम देश के आम मेहनतकश अवाम के बीच उनके अपने ज़रूरी मुद्दों को लेकर जा रहे हैं। यह यात्रा कर्नाटक से शुरू होकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से होते हुए 17 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेगी। अब तक इस यात्रा के तहत आम जनता ने अपनी बद्दहाल जीवन स्थितियों का अनुभव साझा किया। महँगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ एकजुट होने के लिए अपना समर्थन भी दिया।
आगे बात रखी गई कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र यह ज़रूरी है कि जनता शिक्षा, चिकित्सा, रोज़गार और आवास के बुनियादी मसलों पर उन तमाम चुनावबाज़ पार्टियों को घेरें जो चुनाव के वक्त तालाब के मेंढक की तरह अपना सिर उठाते हुए दिखते हैं, झूठे वायदे और खोखले आश्वासन लेकर सामने आते हैं। ख़ास तौर पर मौजूदा भाजपा सरकार के जुमलों पर आज उसे घेरने की ज़रूरत है।
आगे दिशा छात्र संगठन की ओर से वारुणी ने बात रखते हुए बताया कि “अच्छे दिन” का वायदा करने वाली मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में आम जनता की ज़िन्दगी बद से बद्द्तर कर दी है। जनता के ऊपर टैक्सों का पहाड़ लाद देने से महँगाई बढ़ती जा रही है। मज़दूरों के श्रम को लूटने के लिए की हथकंडों को अपनाया जा रहा है। बेरोज़गारी दर लगातार बढ़ रही है। देश के नौजवानों को क्षमता होने के बावजूद भी नौकरी न मिलने की स्थिति में हताशा और निराशा झेलनी पड़ रही है।
लगातार शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। इन ज़रूरी मसलों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा और संघ परिवार साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के ज़रिये जनता को आपस में बाँटने की कोशिश में लगे हैं जो लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ तेज़ होती जाएगी। हमारी यात्रा का मक़सद है कि जनता के असल मसलों को उठाया जाए। साथ ही इन फासीवादी ताकत तो का मुकाबला करने के लिए जनता को एकजुट किया जाए।
दिशा छात्र संगठन
नौजवान भारत सभा
भारत की क्रांतिकारी मज़दूर पार्टी