भीमकुंड छतरपुर की गहराई जानकार हैरान रह जाएँगे, मध्य प्रदेश की धरोहर है यह प्राकृतिक जल- स्त्रोत
“भीमकुण्ड” मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में 79 कि. मी. दूर स्थित एक प्राकृतिक जल-स्त्रोत है। यहाँ घूमने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं, सबसे अधिक भीड़ होती है मकर-संक्रांति और नव-वर्ष पर। आइये जानते हैं इस कुंड की अद्भुत एवं अविश्वसनीय विशेषताएं।
इसकी गहराई का पता लगाने की कोशिश कई स्थानीय लोग और कई वैज्ञानिक अपने-अपने तरीकों से कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई इसकी गहराई का पता नहीं लगा पाया है। कहते हैं कि यह जलधारा पाताल से निकली है।
जन-श्रुतियों के अनुसार महाभारत-काल में जब पाण्डव वनवास पर थे तब उन्होंने अपना कुछ समय बुंदेलखंड में भी गुजारा था। द्रौपदी को प्यास लगने पर भीम ने जोर से जमीन पर अपनी गदा से प्रहार करके इस कुण्ड का निर्माण किया था जोकि पाताल-कुण्ड भी कहा जाता है।
इस कुण्ड की कुछ और मुख्य विशेषताओं में से एक यह भी है कि इस कुण्ड का जल एकदम स्वच्छ,नीला एवं पारदर्शी एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। इस जल की तुलना मिनरल-वाटर से की जाती है।इस कुण्ड में यदि कोई डूब जाता है तो अन्य जलाशयों की तरह उसकी लाश ऊपर नहीं आती बल्कि अंदर ही कहीं लुप्त हो जाती है। अब इसमें जल-सतह से कुछ नीचे एक बड़ा सा जाल लगा दिया गया है ताकि इसमें कोई डूबे न।