नीतीश सरकार की बड़ी कार्रवाई, भ्रष्टाचार के आरोप में IPS अधिकारी शफीउल हक को किया निलंबित
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. सभी स्तर के अफसरों पर कार्रवाई का डंडा पिछले कुछ दिनों से लगातार चल रहा है. वहीं, बिहार सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए आईपीएस अधिकारी और मुंगेर रेंज के तत्कालीन डीआईजी शफीउल हक को निलंबित कर दिया है.
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के आरोप में की गई है. मोहम्मद शफीउल हक पर आरोप है कि मुंगेर में डीआईजी के पद पर तैनाती के दौरान वे अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से पैसे की उगाही करते थे.इस संबंध में बताया जा रहा है कि बुधवार को गृह विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया था. मुंगेर में डीआईजी पद पर तैनाती के दौरान उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद ईओयू से जांच कराई गई. डीआईजी शफीउल हक को फिलहाल पटना पुलिस मुख्यालय में अपना योगदान देना होगा.
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आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में डीआईजी के खिलाफ गृह विभाग को साक्ष्य समेत तमाम चीजों की जानकारी दी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने आईपीएस अधिकारी शफीउल हक के अलावा उनके सहायक अवर निरीक्षक मोहम्मद उमरान एवं एक निजी व्यक्ति को लेकर तम्माम बिंदुओं पर समीक्षा की थी.
संकल्प के मुताबिक जांच में प्रथमदृष्टया प्रमाणित पाया गया कि वसूली करने वाले मो. उमरान के गलत कार्यों की जानकारी होने के बावजूद डीआईजी ने कोई कार्रवाई नहीं की. इससे साफ है कि पूरे घटनाक्रम में उनकी सहभागिता दिखती है साथ ही उन्हें भ्रष्टाचार के पोषक के रूप में स्थापित करता है.