भारत-नेपाल सीमा को खोले जाने पर बड़ा फैसला, PM शेर बहादुर देउबा 18 महीने बाद खोलने का किया निर्णय
नेपाल सरकार ने भारत-नेपाल की सील सीमा को खोले जाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में करीब 18 महीने बाद खोलने का निर्णय किया लिया है। नेपाल की देउआ कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर मुहर भी लगाई जा चुकी है। हालांकि, नेपाल सरकार ने अभी सीमा खोलने की तिथि तय नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि अगले 2 से 3 दिनों में आवागमन सहज हो जाएगा।इस फैसले के तहत जब सीमा खोलने का आदेश आएगा तो भारतीय नंबर प्लेट वाले वाहन नेपाल में प्रवेश कर सकेंगे।
आपको बता दें कि पिछली नेपाल सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर भारतीय वाहनों को नेपाल में प्रवेश करने से रोक दी थी। भारतीय वाहन नेपाल में प्रवेश नहीं कर सकते थे। जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।फिलहाल इन दिनों कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होती जा रही है। बिहार से लगे नेपाल बॉर्डर बंद होने से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा था। पिछले कुछ सप्ताह में बिहार-नेपाल बॉर्डर पर स्थित कई चेक पोस्ट पर स्थानीय लोगों व व्यवसायियों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। इसी क्रम में पर्यटन और होटल व्यवसायियों ने सोमवार को ही नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मिलकर उनसे सीमा को खोलने का आग्रह किया था।
जानकारी के मुताबिक, नेपाल सरकार के अन्य मंत्रियों ने भी सरकार के फैसले को सही बताते हुए कहा है कि नाका होकर वाहनों की आवाजाही शुरू होने से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। इधर नेपाल से लगी बिहार सीमा के आसपास बॉर्डर खोलने के फैसले को लेकर खुशी की माहौल हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले इस उम्मीद में है कि सीमा खुलने से व्यापार अच्छा होगा। हालांकि सीमा खुलने की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है। इस बीच वीरगंज भंसार कार्यालय के चीफ हरिहर पौडवाल का कहना है कि अभी मालवाहक वाहनों के प्रवेश की ही अनुमति है सामान्य वाहनों के लिए सीमा खोलने का आदेश आने पर उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है। आदेश मिलने पर उसे त्वरित तौर पर लागू किया जाएगा।