बिहारः ऑक्सीजन उत्पादन की 9 मशीनें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगेगीं

 बिहारः ऑक्सीजन उत्पादन की 9 मशीनें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगेगीं

बिहार राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन करने की 9 मशीनें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगायी जायेगी। ये प्रेशर स्वींग एडजोर्पसन मशीनें हवा से ऑक्सीजन का उत्पादन करेगी। ऑक्सीजन उत्पादन की नौ मशीनों की सहायता से 7000 लीटर प्रति मीनट ऑक्सीजन तैयार होगा।
नौ मशीनों में बिहार के मेडिकल कॉलेज में पटना पीएमसीएच में 500 लीटर प्रति ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। इसा तरह पटना एनएमसीएच में 800 लीटर प्रति मिनट, मुज्फ्फरपुर के अंतर्गत श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से एक हजार लीटर प्रति मिनट का ऑक्सीजन का उत्पादन होगा।
800 लीटर प्रति मिनट दरभंगा मेडिकल कॉलेज से, गया में अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज से 822 लीटर प्रति मिनट, भागलपुर में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में 800 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली मषीने शामील है।
बेतिया महारानी जानकी कुंवर अस्पातल में 500 लीटर प्रति मिनट, मधेपुरा जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल हॉस्पिटल में 800 लीटर प्रति मिनट, पावापुरी वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान में 1000 लीटर प्रति मिनट हवा से उत्पादन करने वाली मशीने शामिल है।
प्रदेश के स्वास्थ्थ समिति के कार्यवाहक निदेषक मनोज कुमार ने जिलाधिकारियों से गुरूवार को कोविशील्ड कोरेना वैक्सीन के दोनों डोज के बीच की अवधि को सुनिष्चित किए जाने की दिशा निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि दोनों डोज में समय का अंतराल 12 से 16 हफ्ते सुनिष्चित किये जाने चाहिए। कोवीशील्ड के दोनो डोज के बीच समय के अंतराल को लागू कर दिये गये है।
इसके पूर्व कोरोना वैक्सीन के दोनो खुराक के बीच समय का अंतराल 6 से 8 हफ्ते रखी गयी थी। लेकिन अब प्रदेश में कोरोना टीका की दूसरी डोज 12 से 16 हफ्ते के पर लगाया जायेगा। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।

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