बिहारः कोरोना हरा चुके मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहा, 9 नए मरीज मिले
कोरोना को हरा चुके मरीजों में अब ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे है। प्रदेश में शुक्रवार को ब्लैक फंगस के नौ नए मरीज दर्ज किए गए हैं। नौ मरीजों में पारस में दो, पटना बोरिंग रोड वेल्लोर ईएनटी सेंटर में तीन, पटना एम्स में तीन तथा रोहतास में एक मरीज शामिल है। रोहतास के ब्लैक फंगस मरीज का कैमूर जिले के अंतर्गत देवी मेमोरियल कोविड अस्पताल में ईलाज किया जा रहा है। बिहार राज्य ब्लैक फंगस के मामले बढ़कर 19 पहुंच गया है।
पटना एम्स में दो पटना के तथा एक मुजफ्फरपुर के मरीजो का ईलाज चल रहा है। पारस हॉस्पिटल में पटना के दो मरीज भर्ती है। वहीं बोरिंग रोड हॉस्पिटल में पटना, बक्सर और औरंगाबाद के एक-एक मरीज शामिल है। वेल्लोर ईएनटी सेंटर में आए ब्लैक फंगस तीनों मरीजों का डॉ. गौरव आषीश ने सफल ऑपरेशन किया। इसके बाद तीनों मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। पारस में आए दो मरीजों में एक का डॉक्टरों के मुताबिक ऑपरेशन करने होगें जबकि दूसरे में अभी ब्लैक फंगस के प्रारंभिक लक्षण है।
पटना एम्स में ब्लैक फंगस के सात मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। पटना एम्स के कोविड नोडल पदाधिकारी ने कहा कि ब्लैक फंगस के एक मरीज में ब्रेन की समस्या है। राजधानी पटना में अब तक ब्लैक फंगस के रूबन में दो, पारस में चार, आईजीआईएमएस में दो और पटना एम्स में सात मरीज दर्ज किए गए है।
पटना एम्स के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में काफी कमी होनें की वजह से ब्लैक फंगस का संक्रमण लगता है। ब्लैक फंगस ज्यादा शरीर कमजोर होने पर आंख, गला, चेहरा व ब्रेन को भी पकड़ लेता है। कोरोना से संक्रमित होने के उपरांत शरीर बहुत ही कमजोर हो जाता है।
ब्लैक फंगस के लक्षणः ब्लैक फंगस होने पर चेहरे, आंख, दांत, नाक व सिर में दर्द रहता है। आंखों में लालिमा, सूजन व आंखों में रोशनी का कम होना या रोशनी का चला जाना। व्यक्ति की नाक से पानी व खून का निकलना। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।