बिहार : टीकाकरण महाभियान के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर गिरी गाज, स्वास्थ्य विभाग ने एक वेतन पर लगाई रोक
बिहार में टीकाकरण अभियान के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर गाज गिरी है। 18 अक्टूबर को आयोजित टीकाकरण महाअभियान के दौरान अनुपस्थित रहे राज्य के 65 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। इनमें से कुछ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन डॉक्टरों को चेतावनी भी दी है।
जानकारी के मुताबिक़, राज्य स्वास्थ्य समिति ने टीकाकरण महाअभियान में इन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अनुपस्थित रहने की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 18 अक्टूबर को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए आयोजित टीकाकरण महाअभियान के दौरान ये प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ड्यूटी से गायब पाए गए थे। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा था। लेकिन इन 65 चिकित्सा पदाधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा के अंदर स्पष्टीकरण नहीं दिया।
आपको बता दें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि स्पष्टीकरण नहीं देने से ऐसा लगता है कि इन्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है। इसलिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध कोरोना के काम में शिथिलता बरतने, बिना किसी स्पष्ट सूचना के मुख्यालय से अनुपस्थित रहने के आरोप में बिहार सरकारी सेवक नियमावली के नियम 14 के अधीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है।