Bihar:10 लाख की फिरौती के लिए दोस्तों ने kidnap कर मार डाला
बिहार के पटना में एक और दिलदहलाने वाली वारदात। दस लाख की फिरौती वसूलने के लिए पटना से अपहृत स्नातक छात्र रामबाबू (19) की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या को अंजाम देने वाले उसके दोस्त ही हैं। दोस्त जिस कार से उसे ले गये थे, उसी कार में हत्या की गई। बाद में उसकी लाश पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि में फेंक दी।
पुलिस ने लाश हरसिद्धि थाने के गोविन्दापुर वृति टोला नहर के समीप 31 जनवरी को बरामद की। पहचान नहीं होने पर हरसिद्धि थाने की पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना के 11 दिनों बाद फोटो से उसकी पहचान पटना जिले के शास्त्रीनगर थाने के पुनाईचक मोहल्ले के रामबाबू (19) के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक रामबाबू को उसके ही खास दोस्त व ट्रैफिक सिपाही एनके मिश्रा के बेटे नवनीत कुमार ने अपने तीन साथियों बेतिया निवासी रितेश कुमार, गोलू व बिट्टू के साथ मिल कर मौत के घाट उतारा था। अपहरण के पीछे परिजनों से दस लाख रुपये की फिरौती वसूलना मुख्य मकसद था। पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपित नवनीत को पुनाईचक और रितेश व गोलू को बेतिया से गिरफ्तार किया, जबकि हरिसिद्धि का चौथा आरोपी बिट्टू लुधियाना भागने में सफल रहा। घटना में इस्तेमाल कार जब्त कर ली गई गयी है, जबकि पिस्टल बरामद नहीं की जा सकी है।
कार में लगा था खून, आंख आ गई थी बाहर
30 जनवरी को रामबाबू अपने दोस्तों के साथ घर से निकला था। रात में जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। 1 फरवरी को शास्त्रीनगर थाने में रामबाबू की मां रेखा देवी के बयान पर मधुबनी के पंडौल थाने के जमसम गांव के चंदन कुमार व पुनाईचक के नवनीत कुमार के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज की गई। हरसिद्धि एसएचओ शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि जब्त कार में खून का धब्बा लगा था। गोली सिर में पीछे से मारी गई थी, जिसके चलते उसकी दाहिनी आंख बाहर आ गई थी।
रामबाबू के सेलफोन से मांगना चाह रहे थे फिरौती
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि पटना से लाने के दौरान वैशाली के लालगंज के समीप कार में ही रामबाबू की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद शव को लाकर हरसिद्धि में फेंक दिया। यह भी बताया कि रामबाबू को अगवा करने के पीछे उसके परिजनों से 10 लाख की फिरौती उसके मोबाइल से ही मांग करनी थी। फिरौती मांगना चाहा तो पता चला कि जो सेल फोन रामबाबू के पास है उससे वह सिर्फ अपनी गर्लफ्रेंड से ही बात करता था। जिस फोन से वह अपने परिजनों से बात करता था, वह सेलफोन उसके पास नहीं था। बाद में पता चला कि रामबाबू दो सेलफोन रखता था, जिसके कारण फिरौती की मांग नहीं की जा सकी।
मोतिहारी पुलिस ने शव का किया अंतिम संस्कार
मोतिहारी के हरसिद्धि पुलिस को लावारिस हालत में नहर के किनारे से 31 जनवरी को शव मिला था। इसके बाद शव को नियमानुसार तीन दिन रखा गया। बाद में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने एक फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की और तीनों आरोपितों से पूछताछ में लग गयी। इसी बीच पुलिस ने नवनीत को पकड़ा और उससे पूछताछ की तो उसने सबकुछ उगल दिया।
उसने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए घटना को अंजाम देने में शामिल अन्य तीनों साथियों के नाम भी पुलिस को बताये। साथ ही यह भी बताया कि शव हरिसिद्धि में फेंका गया है। इसके बाद पुलिस मोतिहारी पहुंची और स्थानीय थाने से मामले की जानकारी लेने के साथ ही उसके फोटो का सत्यापन किया, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि 31 जनवरी को बरामद शव छात्र रामबाबू का ही था।
आरोप : पुलिस की लापरवाही से गई जान
परिजनों का आरोप है कि मुख्य आरोपित नवनीत सिपाही का बेटा है। इसलिए पुलिस ने इस मामले में हद दर्जे की लापरवाही की। परिजनों की मानें तो रामबाबू शास्त्रीनगर थाने के पुनाईचक पत्थर गली देवी मंदिर के पास रहता था। 30 जनवरी की शाम चार बजे उसके दोस्त उसे सोनपुर घुमाने के बहाने ले गये। रात में नहीं लौटने पर खोजबीन की गयी। दूसरे दिन उसकी मां नवनीत के घर गयी।
नवनीत ने उसे बताया कि रामबाबू हाजीपुर में ही उतर गया। दूसरे दिन भी पुत्र का कहीं पता नहीं चला तो शिकायत शास्त्रीनगर थाने में की गई। पहले तो पुलिस ने केस ही नहीं दर्ज किया। बाद में 1 फरवरी को अपहरण की एफआईआर नवनीत, चंदन आदि के खिलाफ दर्ज की गई। परिजनों का आरोप है कि यदि पुलिस घटना को गंभीरता से लेते हुए उसी वक्त सक्रिय हुई होती तो शायद रामबाबू की जान बच सकती थी।
हत्या से घर में कोहराम, नहीं कर सके बेटे का अंतिम दर्शन
दरसअसल, राम बाबू के पिता सहदेव प्रसाद उद्यान विभाग में माली थे। करीब तीन माह पूर्व वह सेवानिवृत्त हुए थे। उनके दो पुत्रों में रामबाबू सबसे बड़ा था। छोटा भाई श्याम कुमार नौंवी का छात्र है। सेवानिवृत्त होने के बाद पिता को मिले पैसों पर रामबाबू के दोस्तों की निगाह थी।
इसलिए दोस्तों ने उसका अपहरण किया। बेटे की हत्या की खबर गुरुवार की सुबह परिजनों को पड़ोसियों से मिली। परिजनों का कहना था कि पुलिस ने देर शाम तक इसकी सूचना नहीं दी थी। बेटे की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घर में कोहराम मचा हुआ है। मां-पिता बेटे का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके।