बिहार सरकार बसेरा अभियान के तहत 77% से अधिक बेघर परिवारों को दे चुकी जमीन, बालिग हुए युवकों को भी जमीन देने का निर्देश

 बिहार सरकार बसेरा अभियान के तहत 77% से अधिक बेघर परिवारों को दे चुकी जमीन,  बालिग हुए युवकों को भी  जमीन देने का निर्देश

बिहार सरकार राज्य में बसेरा अभियान के तहत अब 77% से अधिक भूमिहीन परिवारों को घर बनाने के लिए पांच डिसमिल जमीन दे चुकी है।जिसके तहत सरकार अब तक 52.30 एकड़ जमीन बांट चुकी है। अब राज्य में लगभग 26 हजार लोग ही बिना घर के बचे हैं। राज्य में सबसे अधिक 50.25 एकड़ जमीन अनुसूचित जाति के भूमिहीनों के बीच बांटी गई है। इस बीच भूमि राजस्व विभाग ने फिर से सर्वे कराकर पुराने सर्वे के बाद बालिग हुए युवकों को अलग यूनिट मानकर भूमि देने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा, राज्य में आवंटन के बाद भी बेदखल हुए परिवारों को कब्जा दिलाने की पहल भी चलाई जा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने वासभूमि रहित 90 हजार 301 परिवारों को पांच डिसमिल वासभूमि दे दिया है। राज्य के सिर्फ 26 हजार 394 परिवारों को ही घर बनाने के लिए जमीन सरकार से मिलनी बाकी रह गई है। राज्य सरकार ने 2014 में बसेरा अभियान की शुरुआत की थी। उससे पहले वासभूमि रहित परिवारों को तीन डिसमिल जमीन देने की व्यवस्था हुई थी। लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर बाद में पांच डिसमिल कर दिया।

उस समय के सर्वे के अनुसार, आपको बता दें राज्य में सिर्फ एक लाख 16 हजार 695 परिवार ही ऐसे थे। जिनके पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं थी। ऐसे परिवारों में सबसे अधिक 70 हजार 53 परिवार केवल महादलित वर्ग के थे। उसके बाद 13 हजार 295 परिवार अनुसूचित जाति वर्ग के थे। सरकार ने इसी आंकड़े के आधार पर जमीन बांटना शुरू किया। लिहाजा, लगभग तीन चौथाई से अधिक लोगों को सरकार जमीन दे चुकी है। फिलहाल सरकार ने बेदखली की संख्या कम करने के साथ नया सर्वे कराने का भी निर्णय लिया है।

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