बिहार सरकार का फैसला, संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले अधिकारियों पर होगी FIR
बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार की यूएसपी रही है। जिसके तहत अब बिहार सरकार ऐसे सरकारी सेवकों पर शिकंजा कसने की रणनीति बनाई जा रही है, कि अधिकारी अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करें।
वही, संपति का ब्यौरा छिपाने वाले ऐसे सरकारी सेवकों पर न केवल अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी, बल्कि उनको आपराधिक केस (FIR) का भी सामना करना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले को लेकर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है।
बता दें कि प्रधान सचिव द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकारी सेवकों द्वारा चल-अचल संपत्ति का ब्योरा और खरीद-बिक्री की जानकारी दिए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा पहले से तय किया गया है।पत्र में इस बात की चर्चा है कि 25 मार्च 2021 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मार्गदर्शन भी जारी किया गया है, इसके बावजूद यह देखा जा रहा है कि सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन कई स्तरों पर नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि हर साल सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को दिसंबर के बाद फरवरी तक अपनी संपत्तियों से संबंधित जानकारी सरकार को देनी है. अगर किसी को विरासत में भी संपत्ति मिली है तो इसकी भी सारी जानकारी सरकार को हर हाल में देन हैै।