Bihar News: महिलाओं की मदद के लिए दरभंगा के 7 प्रखण्डों में बनेंगे जीविका दीदी अधिकार केन्द्र
दरभंगा के हायाघाट प्रखण्ड में जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. ऋचा गार्गी की उपस्थिति में नई चेतना अभियान के तहत जीविका दीदी अधिकार केन्द्र पर सभी जीविका दीदियों का उन्मुखीकरण किया गया। जीविका की ओर से महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूक करने और लैंगिक असमानता जैसी समस्याओं को रोकने के लिए एक अनूठी पहल होने जा रही है। डॉ. ऋचा गार्गी ने बताया कि जीविका की ओर से राज्य के 174 प्रखण्डों में जेंडर प्वाइंट बनाए जाएंगे।
वहीं दरभंगा में महिलाओं की मदद के लिए सात प्रखण्डों यथा हायाघाट, मनीगाछी, तारडीह, बेनीपुर, बिरौल, बहेड़ी व दरभंगा सदर में बनेंगे जेंडर प्वाइंट। यहाँ पर महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा और जेंडर संबंधी मुद्दों को सुनने के लिए जेंडर पर्सन होंगे। सामाजिक विकास प्रबंधक नरेश कुमार ने बताया कि जिन 07 प्रखण्डों में जेंडर प्वाइंट खोले जाने हैं, उस प्रखण्ड अन्तर्गत आने वाले गाँवों के घरों की जीविका दीदियाँ निगरानी करेंगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक समूह की एक दीदी अपने समूह की अन्य दीदियों के घरों के साथ ही गाँव के सभी घरों की निगरानी करेंगी। इन घरों की लड़कियाँ पढ़ने के लिए स्कूल जा रहीं है या नहीं, स्कूल जाने वाले लड़के और लड़कियों का अनुपात क्या है ?
संचार प्रबंधक राजा सागर ने बताया कि “जीविका दीदी अधिकार केन्द्र” महिलाओं की व्यावहारिक और महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रखण्ड स्तर पर स्थित एक भौतिक स्थान है। उन्होंने कहा कि प्रखण्ड स्तर पर होने के कारण, यह प्रखण्ड प्रशासन और जीविका सी.एल.एफ के साथ स्थापित घनिष्ठ संबंधो का लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। “जीविका दीदी अधिकार केन्द्र” की स्थापना के लिए प्रखण्ड परिसर मे अवस्थित SGSY योजना के तहत निर्मित सरकारी भवन होगा। बदलते परिवेश में अब भी एक चर्चा जोरो पर होती है की महिलाये आँगन के द्वार तक ही सिमटी रहने के लिए है, लेकिन इस चर्चा पे विराम उस समय लग जाता है, जब जीविका की दीदी बड़ी सिद्दत से अपने घरों के कार्य के साथ-साथ अपनी पहचान बनाने में जुटी हुई है।
जीविका से जुड़ी दीदियाँ शराबबंदी, बाल-विवाह, दहेज-प्रथा, लिंगभेद जैसी कुरीतियों पर भी नेत्तृत्वकर्ता के रूप मे अपना पहचान स्थापित कर चुकी है परंतु, आज भी ये समस्याएँ समाज मे मौजूद है एवं आम-आवाम की जिन्दगी प्रभावित कर रही है। समाज मे आज भी भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, मानव तस्करी आदि ऐसी समस्या है जो हमारे सामने चुनौती है। इससे प्रभावित ज़्यादातर महिलाएं- जानकारी, जागरूकता एवं सहयोगी संस्था के अभाव में परिस्थितियों के शिकार हो रही है। इन्ही समस्याओं के ध्यानाकर्षण हेतू जीविका परियोजना द्वारा “जीविका दीदी अधिकार केंद्र” की कल्पना की गयी है।