बिहार : अब मैट्रिक पास करने वाले भी बन सकेंगे स्वास्थ्य अनुदेशक, शिक्षा निदेशालय ने जारी किया आदेश
बिहार में अब मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले भी स्वास्थ्य अनुदेशक बन सकते हैं। शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 के प्रावधान के अनुरूप अभ्यर्थी मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के रूप में नियुक्त किए जायेंगे। इस नियमावली में साफ कहा गया है कि भारत की नागरिकता, मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण और किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से शारीरिक शिक्षा में सर्टिफिकेट-डिप्लोमा-डिग्री की योग्यता निर्धारित अहर्ता है। इसी आधार पर पात्रता परीक्षा 2019 ली गई थी।
आपको बता दें यही योग्यता वर्तमान में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में लागू होगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी किया है। यानी अब मैट्रिक उत्तीर्ण भी स्वास्थ्य अनुदेशक बन सकेंगे। विभाग ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि कई जिलों द्वारा इस संबंध में मार्गदर्शन की मांग की जा रही थी। इसी को देखते हुए जिलों को यह आदेश जारी किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पद है, जबकि वर्ष 2019 के पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की संख्या 3523 है। विभाग ने नियोजन नियमावली 2020 में यह प्रावधान किया गया है कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति के लिए आवश्यक अहर्ता इंटर परीक्षा में 50% के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान से शारीरिक शिक्षा में कम-से-कम दो वर्ष का प्रमाणपत्र-डिप्लोमा होना निर्धारित है।