बिहार : समाज कल्याण विभाग एक अप्रैल के बाद से करेगा ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र अनिवार्य, सभी जिलों को निर्देश जारी

 बिहार : समाज कल्याण विभाग एक अप्रैल के बाद से करेगा ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र अनिवार्य,  सभी जिलों को निर्देश जारी

बिहार में नए वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल 2022 के बाद ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र की मान्यता खत्म हो जाएगी। समाज कल्याण विभाग ने बिहार में एक अप्रैल के बाद ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया है। ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र के जरिए UDID को जेनरेट किया जाएगा। विभाग ने सभी जिलों को ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने को लेकर विशेष अभियान चलाने का निर्देश जारी कर दिया है।

आपको बता दें, भारत सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में पहल तेज की गई है। केंद्र सरकार ने अगस्त 2022 तक सभी दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र को ऑनलाइन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में, बिहार में ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण कल्याण योजनाओं से दिव्यांगजन वंचित हो जायेंगे। इसलिए बिहार के सभी दिव्यांगजन एक अपना ऑनलाइन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करा लें।

विभागीय सूत्रों के अनुसार ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने और यूडीआईडी जेनरेट होने के बाद दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, नौकरियों में आरक्षण, रेलवे व यातायात के अन्य साधनों के उपयोग सहित विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े लाभ आसानी से मिल सकेंगे। यूडीआईडी कार्ड बनाने को लेकर ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र जरूरी है।इसमें दिव्यांगजन की दिव्यांगता का प्रतिशत, नाम, पता व अन्य आवश्यक जानकारियां रहती है। प्रत्येक दिव्यांगजन का एक आईडी जेनरेट किया जाता है, जो पूरे देश में मान्य होता है।

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