BJP Foundation Day 2021 : आज के दिन हुई थी BJP की स्थापना, अब शिखर पर
बीजेपी का आज फाउंडेशन दिवस (BJP Foundation Day) है. दिल्ली में 6 अप्रैल 1980 को इसकी स्थापना की गई थी. 04 दशकों में बीजेपी ने लगातार नई ऊंचाइयां छूईं. पहले अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में बीजेपी ने 90 के दशक के आखिर में सरकार बनाई. अब पिछले 06 सालों से नरेंद्र मोदी बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के प्रधानमंत्री हैं. वैसे इसके मूल में भारतीय जनसंघ है, जिसकी नींव डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने रखी थी.
आज भाजपा देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी हो चुकी है, जिसके पास देश की लगभग 70 फीसदी आबादी का साथ है. पार्टी की स्थापना को अब तक पूरे 41 साल हो चुके हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. आइए, जानते हैं कि इस समय देश में जिस पार्टी की सरकार है, उसे खड़ा किन लोगों ने मिलकर किया. बीजेपी की सक्सेस स्टोरी जानने के लिए हमें भारतीय जनसंघ के बारे में जानना होगा. जनसंघ ने साल 1952 के आम चुनावों में फाइट किया. कांग्रेस की जबरदस्त लहर के बावजूद इसकी झोली में तीन सीटें आईं. दूसरे आम चुनाव साल 1957 में चार सीटें हासिल कीं. इससे संघ का हौसला थोड़ा बढ़ गया.
साल 1962 में हुए तीसरे लोकसभा चुनाव में सीटों का आंकड़ा दहाई में पहुंचते हुए 14 हो गया. इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही और चौथे लोकसभा चुनाव साल 1967 में इसकी सीटों की संख्या 35 हो गई. साल 1971 में इसकी सीटें पहली बार घटकर 22 रह गईं. इसके बाद पीएम इंदिरा गांधी द्वारा (1975-1976) में आपातकाल लागू कर दिया गया. फिर उन्हें हराने के लिए जनसंघ सहित कई पार्टियों ने विलय कर जनता पार्टी बनाई. इसने 1977 में हुए छठे आम चुनाव में रिकार्ड 295 सीटों पर कब्जा कर कांग्रेस को पहली बार सत्ता से बेदखल कर दिया. हालांकि आपसी कलह की वजह से यह सरकार ज्यादा नहीं चली.
साल 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में इसकी सीटें सिर्फ 31 रह गईं और पार्टी बिखर गर्इ. इसके बाद जनसंघ की विचारधारा के नेताओं नें भारतीय जनता पार्टी का गठन किया. लेकिन, 1984 में हुए चुनावों में बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा. नौवीं लोकसभा के लिए 1989 में हुए चुनाव में इसे 85 सीटें हासिल हुईं. इसी प्रकार 1991 में 120, 1996 में 161, 1998-99 में 182 और 2009 के चुनाव में 116 सीट मिलीं.
भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ की उत्तराधिकारी है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलीचंद्र शर्मा, प्रेमनाथ डोगरा, आचार्य डीपी घोष, पीतांबर दास, ए रामाराव, वच्छ राज व्यास, बलराज मधोक, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, कुशाभाऊ ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण, के जना कृष्णमुर्ति, एम वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह ने मेहनत कर इसे यहां तक पहुंचाने का काम किया. खासकर नब्बे के दौर में भाजपा को मजबूत करने में वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही.
बीजेपी इतनी बड़ी राजनीतिक पार्टी यूं ही नहीं बनी है. कई शख्सियतों ने इसे फर्श से अर्श तक पहुंचाया है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने इसे सबसे ज्यादा ऊंचाई प्रदान की है. अब जेपी नड्डा पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष हैं. इन सभी ने न केवल दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाने का काम किया बल्कि पूर्वोत्तर तक में बीजेपी का झंडा लहरा दिया, जहां सत्ता के लिए कभी बीजेपी के नेता सोचते भी नहीं थे. सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोसायटी एंड पॉलिटिक्स के निदेशक प्रो. एके वर्मा कहते हैं कि एक दौर था जब केंद्र और राज्यों में कांग्रेस की सरकारें होती थीं. उसे कांग्रेस सिस्टम कहते थे. कांग्रेस की तर्ज पर ही बीजेपी सिस्टम विकसित हो गया है.