नारियल विकास बोर्ड द्वार प्रखंड स्तरीय छह दिवसीय हस्त शिल्प प्रशिक्षण शुरू

 नारियल विकास बोर्ड द्वार प्रखंड स्तरीय छह दिवसीय हस्त शिल्प प्रशिक्षण शुरू

नारियल का हरेक अंग हमारे लिए फायदेमंद, इसके जड़, पत्ते व फल भी उपयोगी : राजीव भूषण

इसके फल का ऊपरी भाग रेसा गोल्ड, खोपड़ी ब्लैक डायमंड, फल सिल्वर व इसकी पानी अमृत समान

बिक्रम: गोपाल कुमार । प्रखंड क्षेत्र के पैनापुर गांव में नारियल विकास बोर्ड के तत्वधान में छह दिवसीय हस्त शिल्प प्रशिक्षण की शुरुआत की गई। कार्यकर्म का उद्घाटन बोर्ड निदेशक राजीव भूषण प्रसाद ने द्वीप प्रज्जवलित कर किए। मौके पर बोर्ड विकास अधिकारी रविन्द्र कुमार सिंह,नारियल हस्त शिल्प मास्टर ट्रेनर मणिशंकर, प्रगतिशील किसान लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता उर्फ पप्पु के साथ कुल पन्द्रह महिला प्रतिभागी उपस्थित थे।

बोर्ड निदेशक ने बताया गया कि नारियल पौधा का हर अंग हम लोगों के लिए फायेदेमंद है, जरूरत है इसे बारीक जानने समझने की। नारियल जड़ से लेकर पत्ते-फल तक का उपयोग किया जा सकता हैं। इसके फल का ऊपरी भाग रेसा-गोल्ड, इसकी खोपड़ी-ब्लैक डायमंड, इसकी खाने युक्त गुदा-सिलवर एवं इसका पानी अमृत समान हैं। नारियल का पौधा अब हमारे कलाइमेक्स बिहार में भी हो रहा है। इसमें सहयोग एवं पौध के लिए बोर्ड से सम्पर्क किया करें।

प्रशिक्षण के बारे में मास्टर ट्रेनर ने प्रतिभागियों को बताया कि आप नारियल फल के वेस्ट मेटिरियल जिसे हम बेकार समझ कर फेक देते हैं,उससे सुन्दर हस्त शिल्प कला का रूप देकर किमती वस्तु बना सकतें हैं। इससे आप रूपया और नाम दोनों कमा सकतें हैं। यह देखने में सुन्दर और टिकाऊ भी होतें हैं। प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागियों को नारियल के छिलके व खोपड़ी से शिल्पकारी सिखाई जा रही है, प्रशिक्षण ले रहे लोग इससे चाय पीने वाली कप, कछुआ, कमल फूल, मछली आदि सहित कई अन्य उपयोगी चीजें बनाना सीख रहे हैं ।

विकास अधिकारी ने प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागियों के बीच पारितोषिक वितरण एवं प्रमाण पत्र मुहैया कराया जायेगा। स्थानीय प्रगतिशील किसान ने कार्यक्रम के अंत में आगत अतिथियों के साथ प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।

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