बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शुरू होगा मखाने और बांस की खेती का सर्टिफिकेट कोर्स
रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्लांट साइंस विभाग में दो नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है।
यह सर्टिफिकेट मखाने की खेती और बेंबो फार्मिंग के लिए होगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। विवि के बॉटनिकल गार्डन में मखाने के की खेती के लिए तालाब तैयार होगा वहीं बांस की कई प्रजातियों को तैयार करने के लिए टिश्यू कल्चर तकनीक की मदद ली जाएगी। इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए रुहेलखंड विवि की ओर से प्रपोजल नेशनल हार्टीकल्चर मिशन और बेंबू बोर्ड को भेजा जा रहा है। शुक्रवार को कुलपति ने बॉटनिकल गार्डन के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पांच एकड़ में बॉटनिकल गार्डन तैयार किया गया है। पहले यह दो एकड़ में था बाद में विस्तार देते हुए इसको पांच एकड़ कर दिया गया। विवि में बांस की काला, सफेद, और हरे प्रजाति को टिश्यू कल्चर की मदद से तैयार किया है। विभाग बॉटनिकल गार्डन में दस प्रजाति के बांस तैयार कर उनको विकसित करेगा और लोगों को पौधे देकर रोजगार में मदद करेगा।
शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट के निरीक्षण के लिए कुलपति प्रो. केर्पी सह बॉटनिकल गार्डन पहुंचे। वहां उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. संजय गर्ग, प्रो. आलोक श्रीवास्तव और प्रोफेसर जेएन मौर्या से बैंबू फार्मिंग में हुए शोध की प्रगति के बारे में पूछा।
इस दौरान उन्होंने मखाने की खेती के लिए एक मॉडल तालाब विकसित करने के लिए भी विभागाध्यक्ष को निर्देश दिए। यह सारी कवायद मखाने की खेती और बैंबू फार्मिंग को लेकर शुरू होने जा रहे सर्टिफिकेट कोर्स को लेकर की जा रही है। विभाग की ओर से दोनों कोर्स का सिलेबस तैयार किया जा चुका है। अब ढांचा तैयार होने के बाद इसको शुरू कर दिया जाएगा।
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